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बड़ी खबर : राजस्थान में पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर लगी रोक, CM गहलोत ने दिया ये तर्क

सीएम अशोक गहलोत ने रविवार को प्रदेश में चलाए जा रहे अभियान की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने पटाखों से निकलने वाले धुएं से संक्रमित रोगियों और आमजन के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए प्रदेश में पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं.

पटाखों के विक्रय पर रोक, Ban on the sale of firecrackers, आतिशबाजी पर लगी रोक, Fireworks ban
पटाखों के विक्रय और आतिशबाजी पर लगी रोक

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Published : Nov 1, 2020, 10:14 PM IST

Updated : Nov 2, 2020, 7:45 AM IST

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत रविवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति, नो मास्क-नो एंट्री और शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को लेकर समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने बैठक में अनलॉक-6 की गाइडलाइन पर भी चर्चा की और इस संबंध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि आतिशबाजी से निकलने वाले धुएं के कारण कोविड मरीजों के साथ ही हृदय और श्वास रोगियों को भी तकलीफ का सामना करना पड़ता है. ऐसे में दीवाली पर लोग आतिशबाजी से बचें. उन्होंने पटाखों के विक्रय के अस्थायी लाईसेंस पर रोक लगाने के निर्देश दिए. साथ ही शादी और अन्य समारोह में भी आतिशबाजी को रोका जाए.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जर्मनी, यूके, फ्रांस, इटली, स्पेन जैसे विकसित देशों में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो गई है. कई देशों को तो पुनः लॉकडाउन लगाने पर मजबूर होना पड़ा है. हमारे यहां भी ऐसी स्थिति उत्पन्न ना हो जाए, इसे देखते हुए हमें भी सावधानी बरतनी होगी. गहलोत ने वाहन चालकों से अपील की है कि वे लालबत्ती होने पर वाहनों के इंजन को बंद कर दें. साथ ही मोहल्लों में कचरे को ना जलाएं. ऐसे छोटे किन्तु महत्वपूर्ण उपाय अपनाकर हम सभी पर्यावरण प्रदूषण रोकने और प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग कर सकते हैं.

उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर कड़ी कार्रवाई की जाए. फिटनेस होने के बावजूद यदि वाहन निर्धारित मात्रा से अधिक धुआं छोड़ते पाया जाता है, तो संबंधित फिटनेस सेंटर पर भी कार्रवाई हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 2000 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए. परीक्षा परिणाम में चयनित चिकित्सकों को समस्त प्रक्रिया 10 दिन के भीतर पूरी कर जल्द नियुक्ति दी जाए. इससे कोरोना सहित अन्य रोगों के उपचार में मदद मिलेगी.

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बैठक में चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक अपराध एम.एल. लाठर, प्रमुख वित्त सचिव अखिल अरोरा, शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.

Last Updated : Nov 2, 2020, 7:45 AM IST

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