जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बालिका उच्च शिक्षा प्रोत्साहन की दिशा में बड़ा निर्णय लिया है. अब प्रदेश की बालिकाओं और महिलाओं को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए संस्थानों को भुगतान की गई फीस का पुनर्भरण किया जाएगा. इससे वे पढ़ाई जारी रखकर अपना भविष्य संवार सकेंगी. इसके लिए सीएम अशोक गहलोत ने राज्य में बालिका दूरस्थ शिक्षा योजना को लागू कर दिया (Balika Durasth Shiksha Yojana implemented) है.
36 हजार से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को लाभ: गहलोत ने योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष कुल 36 हजार 300 बालिकाओं और महिलाओं को लाभान्वित करने के लिए 14.83 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है. इसमें ऐसी बालिकाएं और महिलाएं शामिल हैं, जो विभिन्न कारणों से नियमित रूप से महाविद्यालय और विश्वविद्यालय नहीं जा सकती हैं. उन्हें दूरस्थ माध्यम से उच्च शिक्षा से जोड़ा जाएगा. बता दें कि मुख्यमंत्री ने बजट 2022-23 में बालिका दूरस्थ शिक्षा योजना लागू करने की घोषणा की थी. इस घोषणा की क्रियान्विति में ही मुख्यमंत्री ने यह स्वीकृति प्रदान की है.
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दूरस्थ माध्यम से उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाली किशोरियों और महिलाओं के फीस पुनर्भरण (Fees recharge scheme for girls) के लिए इस योजना के अन्तर्गत स्नातक स्तर के कोर्सेज में 16000 सीटें, स्नातकोत्तर कोर्सेज में 5300, डिप्लोमा कोर्सेज में 10000, पीजी डिप्लोमा कोर्सेज में 3000 तथा सर्टिफिकेट कोर्सेज में 2000 सीटों का प्रावधान किया गया है. योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से अनुदानित विश्वविद्यालय, राज्य के राजकीय संस्थान/वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा की ओर से दूरस्थ शिक्षा योजना के माध्यम से अध्ययन कराया जाएगा. उनकी ओर से अध्ययन के लिए संस्थानों को भुगतान की गई फीस राशि का पुनर्भरण किया जाएगा.