जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने दो करोड़ रुपए की धोखाधडी के मामले में आरोपी को जमानत दे दी. वहीं हाईकोर्ट ने मुख्य आयकर आयुक्त को कहा है कि वह शिकायतकर्ता की ओर से आरोपी पक्ष को नकद दिए दो करोड़ रुपए के स्रोत की जांच करे. वहीं अदालत ने मुख्य आयुक्त को तीन माह में जांच रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है.
न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकलपीठ ने यह आदेश अनुराग की ओर से दायर जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए दिए. जमानत अर्जी में अधिवक्ता अनिल उपमन ने अदालत को बताया कि अन्तराम और कमलेश ने गत दो अगस्त को याचिकाकर्ता सहित अन्य के खिलाफ सरकारी नौकरी और टेंडर दिलाने के नाम पर दो करोड़ रुपए नकद लेने का आरोप लगाते हुए प्रताप नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
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रिपोर्ट में बताया गया हैं कि उन्हें अपने दोस्त राहुल के जरिए आरोपियों से जान पहचान हुई थी. आरोपियों ने पहले सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर दस लाख रुपए ले लिए और बाद में सरकारी टेंडर लेने के लिए समय-समय पर कुल दो करोड़ रुपए नकद परिवादियों से भी ले लिए. जमानत अर्जी में कहा गया कि प्रकरण में आरोप पत्र पेश किया जा चुका है. इसके अलावा याचिकाकर्ता ने परिवादियों से दो करोड़ रुपए नहीं लिए हैं. इस पर अदालत ने आरोपी को जमानत पर रिहा करते हुए आयकर विभाग को दो करोड़ रुपए के स्रोत की जांच के आदेश दिए हैं.