जयपुर. डेफ ओलंपिक खेलों में जीत का डंका बजाकर देश का नाम रोशन करने वाले को राज्य सरकार ने बिसरा दिया. हम बात कर रहे हैं अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी अभिनव शर्मा की. जिनके पदकों की झड़ी लगाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक ने पीठ थपथपा कर हौंसला अफजाई की. लेकिन राज्य में जब दूसरे ओलंपिक, पैराओलंपिक और अन्य खिलाड़ियों का सम्मान किया जा रहा था, उस वक्त इस खिलाड़ी की सफलता की चमक शायद सरकार को नजर नहीं (Abhinav Sharma not rewarded by Rajasthan govt) आई. अभिनव बोलने में अक्षम है, शायद इसलिए अपनी बात नहीं रख पाए, लेकिन क्या सरकार के आंखों पर पर्दा पड़ा हुआ है.
पदकों के लिहाज से राजस्थान में अब तक सबसे बड़ी सफलता बैडमिंटन खिलाड़ी अभिनव शर्मा ने दर्ज की है. जिन्होंने 1 से 15 मई के बीच ब्राजील में खेले गए डेफ ओलंपिक के बैडमिंटन मुकाबलों में देश के लिए दो गोल्ड और एक ब्रांज मेडल जीत कर इतिहास तो रच (Abhinav Sharma won three medals at Brazil Deaflympic) दिया. लेकिन राज्य सरकार की अनदेखी ने उनकी ये सफलता गुमनामी के अंधेरे में खोती दिख रही है. एक तरफ राजस्थान के इतर दूसरे राज्यों में डेफ ओलंपिक जीतकर लौटे खिलाड़ियों का वहां की सरकार ने ना सिर्फ धूम-धाम से स्वागत कर सम्मानित किया बल्कि प्रोत्साहन राशि की भी घोषणा की. तो वहीं, अभिनव को प्रोत्साहन राशि तो दूर की बात राजस्थान के क्रीड़ा परिषद और खेल विभाग ने बधाई तक नहीं दी.
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- हरियाणा में रोहित भाकर, महेश, दीक्षा डागर और सुमित दहिया को बैडमिंटन, गोल्फ और कुश्ती में स्वर्ण पदक जीतने पर 1.20-1.20 करोड़ रुपए के चेक दिए गए.
- बिहार सरकार ने रितिक आनंद को 15 लाख रुपए दिए.
- मध्यप्रदेश सरकार ने गौरांशी शर्मा को 25 लाख रुपए दिए.
- अभिनव काट रहे अपने हक के लिए चक्कर