जयपुर.राज्य सरकार और जिला प्रशासन महिला सुरक्षा को लेकर हर बार दम्भ भरते नजर आते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही नजर आती है. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में बनी गरिमा हेल्पलाइन की कोई सुध लेने वाला नहीं है. एक महिला काउंसलर के भरोसे ही जिला कलेक्ट्रेट में स्थित गरिमा हेल्पलाइन चल रही है. जिस जिला कलेक्ट्रेट में जिला प्रशासन के सभी हाकिम बैठते हैं. उनकी नाक के नीचे गरिमा हेल्पलाइन की दुर्दशा हो रही है.
आपको बता दें कि दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद राज्य सरकार ने प्रदेश में गरिमा हेल्पलाइन शुरू की थी. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में इस गरिमा हेल्पलाइन का संचालन किया जाता है. गरिमा हेल्पलाइन की मॉनिटरिंग के लिए एडीएम और एसडीएम स्तर के अधिकारियों की कमेटी बनाई गई है. जयपुर जिला कलेक्टर को इसका अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन 2013 के बाद इस कमेटी के आज तक कोई बैठक नहीं हुई.
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पहले यह गरिमा हेल्पलाइन जिला कलेक्ट्रेट में पोर्च के पास ही एक कमरे में चलती थी, लेकिन कुछ महीनों पहले गरिमा हेल्पलाइन को जिला कलेक्ट्रेट के एक कोने में हस्तांतरित कर दिया गया. यहां तक पहुंचने में भी पीड़ितों को मशक्क़त करनी पड़ती है. यह गरिमा हेल्पलाइन एक काउंसलर के ही भरोसे चल रही है और पूरे प्रदेश भर से यहां शिकायतें आती है. 2012 में गहलोत सरकार के समय शुरू हुई. इस गरिमा हेल्पलाइन में अब तक करीब 7 हजार शिकायतें आ चुकी है और अधिकतर शिकायतों का निस्तारण भी हो गया है. पूर्व कलेक्टर जगरूप सिंह यादव के समय भी इस मामले को पहुंचाया गया था लेकिन उन्होंने भी इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया. अब नए कलेक्टर जोगाराम बने हैं और महिलाओं को उम्मीद है कि नए कलेक्टर जोगाराम इस गरिमा हेल्पलाइन के बारे में कुछ ना कुछ जरूर करेंगे.
विदेशी महिलाओं के दल ने बताई थी खामियां-
जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में चल रही गरिमा हेल्पलाइन का कुछ महीनों पहले विदेशी महिलाओं के दल ने दौरा किया था. इस दल में नीदरलैंड और यूरोप की महिलाएं शामिल थी. उस समय दल ने गरिमा हेल्पलाइन को लेकर खामियां भी बताई थी. विदेशी महिलाओं ने कहा था कि एक महिला के भरोसे यह गरिमा हेल्पलाइन कैसे चल रही है. यहां उनके लिए को सहायक कर्मचारी भी नहीं है.