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Monthly Allowance of Body Heads Increased : स्वायत्त शासन विभाग ने निकाय प्रमुखों का मासिक भत्ता 20 प्रतिशत बढ़ाया... - ETV bharat Rajasthan news

स्वायत्त विभाग की ओर से नगरीय निकायों के पार्षदों के बाद अब निकाय प्रमुखों का मासिक भत्ता भी बढ़ाया गया (Monthly Allowance of Body Heads Increased) है. स्वायत्त शासन विभाग ने मासिक भत्ते में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. शुक्रवार को डीएलबी डायरेक्टर ने अधिसूचना जारी की.

स्वायत्त शासन विभाग
स्वायत्त शासन विभाग

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Published : May 27, 2022, 11:03 PM IST

जयपुर. नगरीय निकायों के पार्षदों के बाद अब निकाय प्रमुखों का मासिक भत्ता भी बढ़ाया गया है. स्वायत्त शासन विभाग ने मासिक भत्ते में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की (Monthly Allowance of Body Heads Increased) है. इस संबंध में शुक्रवार को डीएलबी डायरेक्टर ने अधिसूचना जारी की. नगर पालिका चेयरमैन को 9000, नगर परिषद सभापति को 14000 और नगर निगम मेयर को 24000 रुपए प्रति महीना मासिक भत्ता मिलेगा. मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा 2022-23 में नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों का मानदेय भत्ता 20 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की थी। इस पर स्वायत्त शासन विभाग ने पहले नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं के जनप्रतिनिधियों का मासिक भत्ता बढ़ाने की अधिसूचना जारी की थी.

निकाय प्रमुखोंं को इस तरह मिलेगा मासिक भत्ता

निकायों की श्रेणी टेलीफोन भत्ता स्टेशनरी भत्ता वाहन भत्ता प्रति बैठक अधिकतम
नगर निगम 1800 900 1800 2160 प्रतिमाह
नगर परिषद 1200 720 1200 प्रतिमाह
नगर पालिका 720 600 900 1440 प्रतिमाह
  • विभाग ने राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 के तहत निकाय प्रमुख का मासिक भत्ता बढ़ाया गया है.
  • नगर पालिका अध्यक्ष - ₹9000
  • नगर परिषद सभापति - ₹14000
  • नगर निगम मेयर - 24000

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बता दें कि राज्य की शहरी सरकारों के जनप्रतिनिधियों की ओर से लगातार मानदेय भत्ते बढ़ाने की मांग उठाई जा रही थी. इसे लेकर विभाग की ओर से मंत्री को एक प्रस्ताव भी भेजा गया था. प्रस्ताव में पार्षदों के वाहन, मोबाइल, स्टेशनरी भत्ते के अलावा बोर्ड बैठक के लिए पारिश्रमिक बढ़ोत्तरी और बोर्ड अध्यक्ष (महापौर, सभापति, अध्यक्ष) का मानदेय बढ़ाने की जरूरत जताई गई थी. चूंकि नगरीय निकायों की आर्थिक स्थिति पहले ही अच्छी नहीं. ऐसे में और ज्यादा आर्थिक बोझ बढ़ने से स्थिति खराब होने को मद्देनजर रखते हुए प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. लेकिन इस बजट में राज्य सरकार ने नगरीय निकाय के जनप्रतिनिधियों को भी खुश करने की कोशिश की. सीएम ने अपने बजट भाषण में प्रदेश में जमीनी स्तर पर सभी सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ-साथ आम आदमी के सुख-दुख का ध्यान रखने में नगरीय निकायों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों की महती भूमिका बताई थी. साथ ही उन्हें अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में आसानी हो, इस दृष्टि से उनके मानदेय/भत्तों में 20 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की थी.

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