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राजधानी में लगे ITMS कैमरे हुए खराब, नहीं जनरेट हो रहे ऑटोमेटिक चालान - राजस्थान की ताजा हिंदी खबरें

राजधानी जयपुर के तमाम चौराहों पर ट्रैफिक व्यवस्था सही रखने के लिए आईटीएमएस कैमरे ((ITMS cameras) लगाए गए थे. जहां अब लगभग सभी कैमरे खराब पड़ गए हैं. जिससे नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ उचित एक्शन नहीं लिया जा रहा है.

आईटीएमएस कैमरे हुए खराब, ITMS cameras damaged
आईटीएमएस कैमरे हुए खराब

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Published : Jul 17, 2021, 6:36 AM IST

जयपुर. शहर के तमाम प्रमुख चौराहों और मार्गों पर लगे हुए इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम कैमरे (Traffic management system cameras) लगभग खराब पड़े हुए हैं. जिसके चलते सड़क पर उत्पन्न होने वाली यातायात से संबंधित परेशानियों की सूचना ट्रैफिक कंट्रोल रूम (Traffic control room) को नहीं मिल पा रही है. साथ ही यातायात नियमों (Traffic rules) का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ भी उचित एक्शन नहीं लिया जा रहा है.

लंबे समय से खराब चल रहे आईटीएमएस कैमरों (ITMS cameras) को सही करने के लिए जयपुर पुलिस के आला अधिकारी लगातार कैमरों का रखरखाव करने वाली कंपनी को अवगत करवा रहे हैं, बावजूद इसके कैमरों को दुरुस्त नहीं किया जा रहा है.

आईटीएमएस कैमरे हुए खराब

एडिशनल पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर राहुल प्रकाश ने बताया कि हाल ही में राजधानी के गुर्जर की थड़ी और 200 फीट बाईपास चौराहे पर यातायात के सुगम संचालन और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कैमरे लगाए गए हैं. हालांकि शहर में अन्य प्रमुख चौराहों और मार्गों पर लगे हुए कैमरे काफी लंबे समय से खराब चल रहे हैं.

एमआई रोड, टोंक रोड और जेएलएन मार्ग पर लगे हुए आईटीएमएस कैमरे खराब पड़े हुए हैं, जिसके चलते ऑटोमेटिक चालान जनरेट होने की प्रक्रिया बंद पड़ी है. आईटीएमएस कैमरे स्वतः ही यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को डिटेक्ट कर उनका चालान जनरेट करते हैं. फिर वह चालान वाहन चालक के व्हाट्सएप नंबर या फिर उसके मोबाइल नंबर पर टेक्स्ट के जरिए भेजा जाता है.

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कैमरों के खराब होने के चलते अब यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ ऑटोमेटिक चालान जनरेट नहीं किए जा रहे हैं. कैमरों को जल्द सही करने के लिए संबंधित कंपनी के अधिकारियों को लगातार अवगत करवाया जा रहा है. वहीं जो कैमरे पूरी तरह खराब हो चुका है, उनके स्थान पर नए कैमरे लगाने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Smart city project) के तहत काम किया जा रहा है.

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