जयपुर. राजधानी की बगरू थाना पुलिस ने एटीएम कार्ड बदलकर साइबर ठगी करने वाली अंतरराज्यीय गैंग के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से एक कार, 27 बैंकों के 103 एटीएम कार्ड, 3 स्वैप मशीन और 30 हजार रुपए बरामद किए हैं. आरोपी करीब 200 से अधिक वारदातें करके एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि का ठग चुके हैं. बदमाशों ने राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा में वारदातें करना स्वीकार किया है.
पुलिस ने हरियाणा निवासी शाकिब उर्फ कालू और विक्रम उर्फ संदीप को गिरफ्तार किया है. बदमाशों ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर बगरू थाना इलाके में 13 फरवरी को वारदात की थी. जहां एटीएम कार्ड बदलकर 1.34 लाख रुपए की ठगी की (Thug exchanged ATM Card and withdrew money) थी. डीसीपी वेस्ट ऋचा तोमर के निर्देशन में बगरू थाना अधिकारी विक्रम सिंह चारण के नेतृत्व में स्पेशल टीम का गठन किया और मामले की जांच पड़ताल शुरू की गई. पुलिस की स्पेशल टीम ने तकनीकी सहायता और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर वारदात का खुलासा करने में सफलता हासिल की है. पुलिस ने करीब 24 वारदातों का खुलासा किया है.
एटीएम कार्ड बदलकर ठगी करने वाली गैंग के दो बदमाश गिरफ्तार पढ़ें:ATM Fraud cases in Jaipur: बदमाशों ने एटीएम कार्ड बदलकर निकाले लाखों रुपए, मोबाइल पर मैसेज आया तो पीड़ित ने थाने में दर्ज करवाया मामला
इस बार पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो लोगों के एटीएम कार्ड बदलकर खातों से पैसा निकाल लेता था. पुलिस ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड शाकिब और विक्रम को दबोचा है. पुलिस मामले में फरार अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है. कार्रवाई के दौरान पुलिस ने बदमाशों के विभिन्न बैंकों के 103 एटीएम कार्ड, 3 स्वेप मशीनें और एक कार के साथ ही नकदी बरामद की. बदमाशों ने 200 से अधिक वारदातों को अंजाम देकर एक करोड़ रुपए की ठगी करना कबूला है.
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ऐसे देते थे वारदात को अंजामःपुलिस के मुताबिक बदमाश वारदात के लिए एटीएम बूथ पर पहुंचते और वहां पर कम पढ़े-लिखे लोगों को मशीन से पैसा निकलवाने का झांसा देकर उनका एटीएम कार्ड बदलकर पिन नंबर जान लेते थे. ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित करते थे, जिनको एटीएम से रुपए निकालना नहीं आता हो. कार्ड बदलने के कुछ देर बाद किसी दूसरे एटीएम से अधिकतम राशि निकाल लेते थे और फिर स्वैप मशीन से कार्ड स्वैप कर राशि ट्रांसफर कर लेते थे. प्रारंभिक जांच पड़ताल में सामने आया है कि बदमाशों ने हरियाणा निवासी मेजर मेव से स्वैप मशीन किराए पर ली थी. यह मशीनें फर्जी दस्तावेजों से एक्टिव की गई थी. इसके बदले मेजर मेव ठगी की रकम का 20 प्रतिशत हिस्सा लेता था.