जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निशाने पर एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Ashok Gehlot targets Modi goverment and RSS) है. रविवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर हुए वर्चुअल संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के आजादी के 75 साल बाद भी धर्म और जाति के नाम पर राजनीति करके लोग सत्ता में आते हैं और लोगों को भ्रमित करते हैं. गहलोत ने कहा कि आजादी में संघ, भाजपा का कोई योगदान नहीं रहा. इसलिए यह लोग अपराध बोध से ग्रस्त हैं.
आजादी के 75 वर्ष के मौके पर हो रहे कार्यक्रमों की श्रंखला में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कला संस्कृति और शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला मुख्यमंत्री आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा की लड़ाई विचारधारा की हो तो ठीक है और विचारधारा तो आरएसएस, बीजेपी की भी हो सकती है. वह उस पर अपनी बात रखें और हम अपनी विचारधारा के आधार पर बात रखें.
किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी. लेकिन यह लोग जनता को भड़का कर धर्म और जाति के नाम पर गुमराह करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा ये लोग अपराध बोध से ग्रस्त है क्योंकि आजादी की जंग और आंदोलन में इनका कोई योगदान नहीं रहा. इनका एक आदमी जेल नहीं गया.
'नेहरू गांधी और बोस में मतभेद थे, लेकिन मनभेद नहीं'
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग नई पीढ़ी को भी गुमराह करते हैं. गहलोत के अनुसार हम सुनते आए हैं कि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सुभाष चंद्र बोस के बीच मतभेद थे, लेकिन यहां सीखने वाली बात यह थी कि मतभेद विचारों में होने के बावजूद मनभेद नहीं थे. यही बात नई पीढ़ी को सीखना चाहिए. गहलोत ने कहा संघ और भाजपा के लोग इस मामले में भी लोगों को गुमराह करते हैं. मुख्यमंत्री के अनुसार महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि बोस ने ही दी थी. नेहरू जी जेल में थे तब उनकी पत्नी को टीबी हुई. तब उपचार भी बोस ने ही कराया था. गांधीजी से प्रभावित होकर बोस आजादी के आंदोलन में जुड़े थे.