राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

गहलोत सरकार नशा मुक्ति के लिए लागू करेगी नई कार्ययोजना, डॉ. गुरुशरण छाबड़ा जन-जागरूकता अभियान के लिए बजट स्वीकृत

राजस्थान में नशा मुक्ति के लिए अशोक गहलोत सरकार नई कार्ययोजना लागू करने जा रही है. ऐसे में डॉ. गुरुशरण छाबड़ा जन-जागरूकता अभियान के लिए बजट भी स्वीकृत कर दिया गया है.

नशा मुक्ति, राजस्थान में नशा मुक्ति, कार्ययोजना लागू, डॉ. गुरुशरण छाबड़ा जन-जागरूकता अभियान, बजट स्वीकृत, drug de-addiction campaign,  drug addiction in rajasthan, Dr. Gurusharan Chhabra Public Awareness Campaign. Ashok Gehlot government
राजस्थान में नशा मुक्ति के लिए लागू होगी नई कार्ययोजना

By

Published : Sep 21, 2021, 3:27 PM IST

Updated : Sep 21, 2021, 7:36 PM IST

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार नशा मुक्ति के लिए नई कार्ययोजना लागू करेगी. इस कार्ययोजना में नशे की लत से ग्रसित और हथकढ़ शराब बनाने में लिप्त व्यक्तियों और परिवारों के पुनर्वास के लिए नवजीवन योजना का विस्तार किया जाएगा. इसके साथ ही पूर्व विधायक स्व. गुरुशरण छाबड़ा की स्मृति में नशे की लत के खिलाफ व्यापक जन-जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस विषय में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन कर 25.74 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट प्रावधान को स्वीकृति दी है. वर्ष 2009 में राज्य में हथकढ़ शराब से जुड़े परिवारों के पुनर्वास के लिए ‘नवजीवन योजना’ शुरू की गई थी. इसके सकारात्मक परिणामों के दृष्टिगत राज्य बजट वर्ष 2021-22 में योजना के विस्तार और नशे की प्रवृत्ति के खिलाफ राज्यव्यापी जन-जागरूकता अभियान की घोषणा की गई थी.

पढ़ें:श्राद्धपक्ष के बाद तय होगा सचिन पायलट का भविष्य, फिर मिल सकता है PCC चीफ का पद

स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार नई कार्ययोजना के तहत नशे की लत से ग्रसित व्यक्तियों और परिवारों के चिन्हिकरण और पुनर्वास के लिए नवजीवन योजना के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों के लिए 22.60 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे. इसके तहत लक्षित समूह के 5 हजार व्यक्तियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस पर कुल 11.2 करोड़ रुपए खर्च होंगे. आधारभूत संरचना के लिए 10 करोड़ रुपए खर्च करने का बजट प्रावधान है.

इस योजना के तहत संबंधित परिवारों के स्कूली बच्चों के लिए 2 हजार साइकिलों के वितरण के लिए 70 लाख रुपए, लक्षित व्यक्तियों और परिवारों के सर्वे के लिए 60 लाख रुपए तथा 500 विद्यार्थियों को छात्रावास के लिए 10 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे.

पढ़ें:रीट परीक्षा में अव्यवस्थाओं को लेकर भड़के पूर्व शिक्षा मंत्री देवनानी, कहा- अव्यवस्थाओं का अंबार फिर भी सरकार बेपरवाह

इसके अतिरिक्त नशे से ग्रसित परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट योजना, महात्मा गांधी नरेगा और राजीविका योजना के अन्तर्गत ऋण अनुदान और शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत फीस पुनर्भरण से लाभान्वित किया जाएगा.

प्रस्ताव के अनुसार नशे की प्रवृत्ति के खिलाफ स्वर्गीय गुरुशरण छाबड़ा जनजागरूकता अभियान के तहत पंचायत स्तर तक विभिन्न गतिविधियां संचालित की जाएंगी जिन पर 3.14 करोड़ रुपए खर्च होंगे. लक्षित समूह की बस्तियों में जागरूकता शिविरों के आयोजन पर 1.64 करोड़ रुपए और राज्य स्तर पर इलेक्ट्रोनिक मीडिया एवं समाचार पत्रों में विज्ञापन तथा फिल्म निर्माण पर 1 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. अभियान के तहत जिला स्तर पर नशा मुक्ति के लिए प्रचार-प्रसार, विज्ञापन, होर्डिंग्स, पैम्पलेट्स वितरण आदि किया जाएगा जिसके लिए 50 लाख रुपए का बजट प्रस्तावित है.

अन्य नशामुक्ति कार्यक्रमों और योजनाओं के तहत फिल्म प्रदर्शन, लघुकथा एवं नुक्कड़ नाटक, खेलकूद प्रतियोगिताएं, नवाचार प्रोत्साहन और शैक्षणिक विकास गतिविधियां संचालित की जाएंगी. गहलोत के इस निर्णय से पूर्व विधायक गुरूशरण छाबड़ा के साथ 8 सितम्बर, 2013 को हुए समझौते की पालना के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर है. इस क्रम में नशे के आदी तथा हथकढ़ शराब बनाने में लिप्त परिवारों को इससे निकालने और पुनर्वास कर उन्हें रचनात्मक कार्यों के लिए प्रेरित किया जा सकेगा.

Last Updated : Sep 21, 2021, 7:36 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details