जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक (Ashok Gehlot Cabinet Meeting) में संविदा नियुक्ति के लिए नियम बनाने, चरागाह भूमि पर बसी सघन आबादी के नियमितिकरण के लिए नीति के प्रारूप के अनुमोदन सहित कई अन्य महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय किए गए.
मंत्रिमंडल ने राज्य और केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं, परियोजनाओं और कार्यक्रमों की क्रियान्विति के उद्देश्य से एक निश्चित अवधि के लिए रखे जाने वाले कार्मिकों की संविदा नियुक्ति के लिए 'राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल अपॉइंटमेंट टू सिविल पोस्ट्स रूल्स-2021' बनाए जाने का अनुमोदन किया है. केबिनेट के इस निर्णय से मैनपावर की आवश्यकता की पूर्ति के लिए ऐसे कार्मिकों को संविदा पर नियुक्त करने के नियम बनाये जाने का मार्ग प्रशस्त होगा.
आबादी वाली चारागाह भूमि होगी नियमित
केबिनेट ने चारागाह भूमि पर बसी सघन आबादी के नियमितिकरण के लिए प्रस्तावित नीति के प्रारूप का अनुमोदन किया है . चारागाह भूमि का वर्गीकरण परिवर्तन व्यापक जनहित में ही अन्य राजकीय भूमि की अनुपलब्धता होने पर किया जाएगा. नीति के तहत चारागाह भूमि पर कम से कम 30 वर्ष से घर बनाकर रह रहे परिवारों में से प्रति परिवार अधिकतम 100 वर्गमीटर का पट्टा दिया जाएगा. आयकरदाता व्यक्ति को इसका लाभ नहीं दिया जाएगा. इस नीति से चारागाह भूमि पर बसे निर्धन परिवारों को पट्टा मिल सकेगा.
राज्य में 1500 मेगावाट के सोलर पार्क की स्थापना का मार्ग प्रशस्त
मंत्रिमंडल ने राज्य में 1500 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क की स्थापना के लिए राज्य सरकार तथा मैसर्स अदाणी रिन्यूबल एनर्जी पार्क राजस्थान लिमिटेड की हिस्सेदारी की ज्वॉइन्ट वेंचर कंपनी को जैसलमेर के भीमसर और माधोपुरा, सदरासर गांव में 1324.14 हेक्टेयर तथा बाटयाडू एवं नेडान गांव में 276.86 हेक्टेयर राजकीय भूमि सशर्त कीमतन आवंटित करने की मंजूरी दी है. इसके अतिरिक्त करीब 30 मेगावाट विंड सोलर हाइब्रिड पावर प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए केरालियां गांव में 64.38 हेक्टेयर राजकीय भूमि को लीज पर सशर्त कीमतन आवंटित करने की मंजूरी दी गई. इससे सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी और रोजगार के अवसर सृजित होंगे.
इथेनॉल उत्पादन इकाइयों को मिलेगा रिप्स के तहत इंसेंटिव
बैठक में प्रदेश में इथेनॉल उत्पादन इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राजस्थान इथेनॉल प्रोडक्शन प्रमोशन पॉलिसी-2021 को मंजूरी दी गई. यह नीति स्थाई एवं वैकल्पिक ईंधन के रूप में इथेनॉल के उत्पादन को बढावा देगी. इस नीति के तहत लगने वाली इथेनॉल उत्पादन इकाइयों को रिप्स-2019 के प्रावधानों के तहत इंसेंटिव देय होंगे. इससे राज्य के भूजल सुरक्षित क्षेत्रों (सेफ ब्लॉक्स) में इथेनॉल प्लांट नियमानुसार स्थापित हो सकेंगे, जिससे औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही किसानों, उद्यमियों और कामगारों के लिए लाभ के अवसर उत्पन्न होंगे.