जयपुर. राजस्थान में महिला सुरक्षा को लेकर विपक्ष के आरोपों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया है. सीएम गहलोत ने कहा कि अपराध में वृद्धि और पंजीकरण में अंतर होता है. बीजेपी सरकार में मुकदमे दर्ज नहीं होते थे. 30 फ़ीसदी मामलों में पीड़ित पक्ष को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ता था. इसलिए आरोप लगाने से पहले आंकड़ों का अच्छे तरह देख लें.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज पुलिस थानों के नए भवनों का लोकार्पण किया था. कार्यक्रम के दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि बीजेपी वाले हमारी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है, महिला हिंसा के मामले सबसे ज्यादा हैं, लेकिन उन्हें यह समझना होगा कि अपराध में वृद्धि और पंजीकरण में अंतर है.
सीएम गहलोत ने कहा कि विभिन्न तरह के अपराधों में कमी आई है. महिला अत्याचारों के प्रकरणों का प्राथमिकता से निस्तारण हो रहा है. तफ्तीश में लगने वाले समय में कमी आई है. पंजीकरण अनिवार्य होने के बावजूद निस्तारण तेजी से हो रहा है. सीएम गहलोत ने कहा कि केवल आंकड़ों से तुलना नहीं होनी चाहिए, लोगों को न्याय मिला या नहीं, इस पर बात होनी चाहिए. भाजपा के लोग जो आरोप लगाते हैं उनमें कोई दम नहीं है.
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एनसीआरबी (NCRB) ने अपनी बुक के शुरुआत में लिखा है कि राज्यों के बीच इन आंकड़ों में तुलना करने से बचना चाहिए. अपराध में वृद्धि और अपराध पंजीकरण में वृद्धि में अंतर है. कुछ लोग दोनों को एक मानने की गलती कर लेते हैं. जैसे हमारे यहां बीजेपी के नेता करते हैं. आंकड़ों में वृद्धि राज्यों में नीतियों के फलस्वरूप हो सकती है. जैसे हमारी सरकार बनने के साथ 2019 में हमने एफआईआर दर्ज करने की अनिवार्यता शुरू की. यह सही है एफआईआर दर्ज करने की अनिवार्यता मुकदमे दर्ज होने के आंकड़ों में वृद्धि हुई है, जिसे आधार मानकर बीजेपी के नेता हमारे ऊपर आरोप लगा रहे हैं.
भाजपा का आरोप है कि राजस्थान में महिला हिंसा (Rajasthan Women Violence) के सबसे अधिक प्रकरण दर्ज हो रहे हैं, लेकिन 47 प्रतिशत एफआईआर झूठी पाई गई. इसका मतलब जरुरी नहीं है कि जो आंकड़े दर्ज हुए हैं वो सही हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि मुकदमे दर्ज होने के साथ जांच में तेजी आई है. वर्तमान में 9 प्रतिशत पेंडेंसी है.
मासूम बच्चियों पर अपराध में अलवर सिरमौर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिला हिंसा पर गंभीरता दिखाते हुए कहा कि अपराध के मामलों में अलवर सिरमौर बना हुआ है. पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म बड़ी गंभीर बात है. कई अपराधों की रोकथाम के लिए समाज की सोच बदलना जरुरी है. आखिर समाज की सोच कहां जा रही है, पुलिस (Rajasthan Police) अपरधियों को पकड़ सकती है. लेकिन इस तरह के अपरध को रोकने के लिए समाज की सोच बदलने की जरूरत है.