जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि किसान एवं कृषि देश की अर्थव्यवस्था की मुख्य धुरी है और उनका उत्थान राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इस क्षेत्र के विकास में बैंकिंग सेक्टर का सहयोग महत्वपूर्ण है. नाबार्ड एवं सहकारी बैंकों के साथ-साथ देश के राष्ट्रीयकृत बैंक भी कृषि एवं इससे संबंधित क्षेत्रों के लिए ऋण सुविधाओं का विस्तार करें, इससे किसानों की वित्तीय आवश्यकताएं समय पर पूरी हों और उनकी खुशहाली का मार्ग प्रशस्त हो.
यह भी पढ़ें:नगर निगम ग्रेटर की महापौर सौम्या गुर्जर के खिलाफ चुनाव याचिका पेश...15 दिसंबर को सुनवाई
सीएम अशोक गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से नाबार्ड की राज्य स्तरीय ऋण संगोष्ठी 2021-22 को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर उन्होंने नाबार्ड के 'स्टेट फोकस पेपर: वर्ष 2021-22' का विमोचन भी किया. उन्होंने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियां विषम हैं, लेकिन कृषि क्षेत्र में विकास की अपार सम्भावनाएं मौजूद हैं. इसको ध्यान में रखते हुए प्रदेश के लिए नाबार्ड, आरबीआई एवं अन्य बैंक कृषि में आधारभूत संरचना की प्रगति के लिए कृषि ऋण में दीर्घकालीन कृषि ऋण के अनुपात को 20 प्रतिशत बढ़ाएं.
वर्तमान में यह अनुपात कुल कृषि ऋण का 20 प्रतिशत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का किसान कर्ज से दबा हुआ है, उसे समृद्ध बनाने के लिए ऋण सुविधाओं में विस्तार के साथ हीकर्ज माफी जैसे साहसिक फैसले लेने की जरूरत है. प्रदेश में हमारी सरकार बनते ही हमने सबसे पहला निर्णय किसानों की कर्ज माफी का किया, इससे प्रदेश के करीब 20 लाख किसान लाभान्वित हुए. यदि राष्ट्रीयकृत बैंक इसमें सहयोग करें तो और अधिक किसानों को लाभ मिल सकता है.
इस संबंध में एकमुश्तीय समझौता योजना बनाने के लिए हमने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है. गहलोत ने कहा कि किसानों को फसल का यथोचित मूल्य दिलाने के लिए आवश्यक है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद किसानों के खेतों के नजदीक हो. इसके लिए ग्राम सेवा सहकारी समितियां (जीएसएसएस) को मजबूत करने और वहां भण्डारण क्षमता सहित अन्य आधारभूत सुविधाएं विकसित किया जाना जरूरी है.
पढ़ें:गृह सचिव और एसपी बताएं अदालती आदेश के बावजूद क्यों नहीं लौटाई राशि : HC
नाबार्ड इस कार्य में बड़ी भूमिका निभा सकता है. उन्होंने कहा कि बीते दिनों राजस्थान में एमएसपी पर खरीद के लिए करीब 550 ग्राम सेवा सहकारी समितियों को गौण मण्डी का दर्जा देकर अधिकृत किया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले. मुख्यमंत्री ने नाबार्ड तथा रिजर्व बैंक के अधिकारियों से राज्य सरकार के साथ अधिक समन्वय के साथ काम करने पर जोर दिया, जिससे की अधिक से अधिक लोगों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़कर सभी क्षेत्रों में विकास को गति दी जा सके.