जयपुर. कोविड-19 के दौर में प्रदेश भर की आशा सहयोगिनियों ने फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में कोरोना संक्रमित मरीजों से जुड़े कई कार्यों में सहयोग दिया है. इन आशा सहयोगिनियों ने आंगनबाड़ी से लेकर सरकार की ओर से चलाई जा रही तमाम योजनाओं को दूर-दराज तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. लेकिन बीते कुछ सालों से ये आशा सहयोगिनी वर्षों से सरकार से न्यूनतम मानदेय की गुहार लगा रहीं है जिस पर अभी तक ध्यान नहीं दिया जा रहा है. आशा सहयोगिनी सरकार से 20 हजार प्रति माह मानदेय की मांग कर रही हैं.
कई बार किया आंदोलन
अपनी मांगों को लेकर कई बार आशा सहयोगिनियों ने विरोध प्रदर्शन भी किया और 6 सूत्री मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन भी सौंपा है, लेकिन बावजूद इसके इनकी मांगे पूरी नहीं की गई है.
ये हैं प्रमुख मांगें
- महिला और बाल विकास विभाग की ओर से प्रदेश भर में करीब 50,000 से अधिक आशा सहयोगिनी कार्यरत हैं
- सरकार से लगातार सेवा नियम बनाने की कर रहीं हैं मांग
- वेतन विसंगति को दूर करने के लिए भी दे चुकी हैं ज्ञापन
- आशा सहयोगिनी को भी नियमित पद पर लगाए जाने की है मांग
- कोविड-19 के इस दौर में मेडिकल कर्मचारियों के साथ ही आशा सहयोगिनी को भी प्रोत्साहन राशि दी जा