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कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर रही आशा सहयोगिनियों को नहीं मिली प्रोत्साहन राशि

कोरोना के खिलाफ जंग में डॉक्टर और नर्सों की तरह आशा सहयोगिनी भी जान जोखिम में डालकर काम कर रही हैं. आशा सहयोगिनी डोर-टू-डोर जाकर सर्वे का काम कर रही हैं और सटीक आंकड़े चिकित्सा विभाग तक पहुंचा रही हैं. इतना सब करने के बाद भी चिकित्सा विभाग इन्हें प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं कर रहा है.

Medical Department News, Asha Sahyogini's incentive
आशा सहयोगिनियों को नहीं मिली प्रोत्साहन राशि

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Published : May 12, 2020, 4:58 PM IST

जयपुर. वैश्विक महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस के संकट में जहां डॉक्टर और नर्स दिन रात मरीजों की देखभाल में लगे हैं. वहीं प्रदेश की एक लाख से अधिक आशा सहयोगिनी घर-घर सर्वे करके अपना कर्तव्य निभा रही हैं. लेकिन इसके बावजूद इन्हें चिकित्सा विभाग ने प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं दिया है. जिसके चलते उन्हें मायूसी हाथ लगी है.

आशा सहयोगिनियों को नहीं मिली प्रोत्साहन राशि

आशा सहयोगिनी अल्प मानदेय पर महिला बाल विकास और चिकित्सा विभाग का कार्य करती हैं. महिला एवं बाल विकास की ओर से इन्हें 2,700 रुपये प्रति माह का मानदेय दिया जाता है, लेकिन फरवरी माह में चिकित्सा विभाग इन्हें प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं कर रहा है. कोरोना वॉरियर्स के रूप में ये सभी आशा सहयोगिनी घर-घर जाकर सर्वे करती हैं. सरकार ने सभी गांव ढाणियों और शहरों में आशा सहयोगिनी को ये जिम्मेदारी दी है. वो डोर-टू-डोर सर्वे करके परिवारों की संख्या, उनके स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियां लेकर सरकार को उपलब्ध कराती हैं.

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वहीं अखिल राजस्थान महिला बाल विकास कर्मचारी संघ के संस्थापक छोटे लाल बुनकर ने कहा कि जब सरकार सभी राज्य कर्मचारियों, अधिकारियों को घर बैठे वेतन दे रही है तो आशा सहयोगिनियों की प्रोत्साहन राशि को रोकना वैधानिक नहीं है. जबकि आशा सहयोगिनी अपनी जान जोखिम में डालकर प्रशासन के निर्देश पर कोरोना महामारी बचाव टीम के साथ घर-घर सर्वे कर रही है. जिसका उनको अलग से कोई भुगतान नहीं दिया जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि नर्सों को सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि दी गई, उसका स्वागत करते हैं. नर्सों की तर्ज पर प्रदेश की आशा सहयोगिनी भी लगातार कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर रही हैं. सरकार को चाहिए कि वह भी इन्हें प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराए. छोटे लाल बुनकर ने कहा कि प्रोत्साहन राशि कितनी हो ये जरूरी नहीं, लेकिन इस तरह प्रोत्साहन करने से कर्मचारियों का मनोबल बढ़ता है.

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