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हैदराबाद के मासूम ने करंट में खोए हाथ-पैर...गुलाबी नगरी ने लौटाई मधु की मुस्कान - बच्चे को लगाए गए कृत्रिम हाथ पैर

जयपुर फुट रिहैबिलिटेशन सेंटर ने भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के सहयोग से 10 साल की बच्चे को कृत्रिम अंग लगाए. यह बच्चा हैदराबाद का रहना वाला है. बिजली के हाई टेंशन तार की चपेट में आने की वजह से बच्चे ने अपने हाथ पैर खो दिए.

हैदराबाद के बच्चे को लगाए गए कृत्रिम हाथ पैर, Hyderabad baby prosthetic limbs
10 वर्षीय मधु को लगाए गए कृत्रिम हाथ और पैर

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Published : Jan 24, 2021, 3:31 PM IST

Updated : Jan 24, 2021, 3:43 PM IST

जयपुर. जयपुर फुट रिहैबिलिटेशन सेंटर ने भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के सहयोग से 10 साल की बच्चे को कृत्रिम अंग लगाए. यह बच्चा हैदराबाद का रहना वाला है. इससे बच्चे को नया जीवन दान मिला है. चार भाई-बहनों में से सबसे छोटा मधु साल 2019 में बिजली के हाई टेंशन तार की चपेट में आ गया था. जिस वजह से उसने अपने अंग खो दिए थे. ऐसे में परिवार की आमदनी इतनी नहीं थी कि वह मधु का इलाज करवा सके, लेकिन एक समाजसेवी की मदद से मधु को जयपुर स्थित रिहैबिलिटेशन सेंटर में लाया गया और कृत्रिम अंग लगाए गए.

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अन्य किसी सेंटर में महीनों लगने वाली इस प्रक्रिया को जयपुर फुट रिहैबिलिटेशन सेंटर में मात्र 2 दिनों की अल्प अवधि में पूरा कर लिया गया. संगठन की ओर से रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया पूरी तरह से निशुल्क की गई. जयपुर फुट रिहैबिलिटेशन सेंटर की निदेशक डॉ. पूजा मुकुल ने बताया कि जब 'दिव्यांग' शब्द सुनते हैं तो लोग किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचते हैं, जो चल नहीं सकता या बात नहीं कर सकता या फिर ऐसा जो कार्य करने में असमर्थ होता है. ऐसे व्यक्ति को लोग अधिक महत्व नहीं देते, लेकिन मेरा मानना है कि समाज में किसी व्यक्ति को उसकी सीमाओं में देखने से अधिक बड़ी और कोई विकलांगता नहीं है. मैं अपने पेशेंट्स और यहां मधु को एक हीरो के रूप में देखती हूं.

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मधु को घुटने से ऊपर तक बायां कृत्रिम पैर लगाने के साथ ही रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया शुरू की गई. मधु की लंबाई मापने, उसे खड़ा करने के लिए यह प्रक्रिया अपनाई गई है. ताकि उसे दूसरा पैर लगाया जा सके. फिर उसके दोनों कृत्रिम हाथ लगाए गए. इस प्रक्रिया के पूर्ण होने पर मधु करीब 1 साल बाद पहली बार खड़ा हो पाया है. आरंभ में हुई थोड़ी असुविधा होने के बाद, मधु ने धीरे-धीरे आत्मविश्वास और संतुलन हासिल किया और अपने नए अंगों का उपयोग करने में सफल हो गया.

Last Updated : Jan 24, 2021, 3:43 PM IST

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