जयपुर.हेरिटेज नगर निगम में 9 फरवरी को बोर्ड की पहली बैठक हुई थी. इस बैठक में एजेंडों पर चर्चा से ज्यादा हंगामा हुआ. बीजेपी पार्षदों ने बजट की प्रतियां फाड़ीं, सदन से वॉकआउट किया.
कांग्रेस और निर्दलीय पार्षदों की मौजूदगी में 21 एजेंडों पर चर्चा हुई. इनमें से कुछ ही धरातल पर उतरे. जयपुर की जनता सीवर, सड़क और सफाई के बिगड़े हालात से प्रभावित है.
शहर की जनता को सड़क, सीवर, सफाई का इंतजार
शहर में बारिश का दौर चल रहा है. सावन लग चुका है. सड़कों पर अभी भी कचरे के अंबार दिख रहे हैं. रोड खराब हैं. सीवर का पानी घरों में बने टैंक में घुस रहा है. राजधानी में हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र के शहर वासियों ने अपनी पीड़ा ईटीवी भारत को बयां की. लेकिन इस तकलीफ पर जिन्हें सुनवाई करनी है वे आंखें मूंदे हुए हैं.
हेरिटेज निगम की बैठक में ये 21 एजेंडे हुए थे पास
वित्तीय वर्ष 2020-21 का संशोधित बजट और वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट स्वीकृत, जयपुर विकास प्राधिकरण भवन विनियम 2020 नगर निगम हेरिटेज जयपुर क्षेत्र में (परकोटा छोड़कर) लागू करने का निर्णय, हुडको से 500 करोड़ रुपए का ऋण लेने और तत्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 30 करोड़ का वितरण 20 करोड़ का अल्पकालीन टर्न लोन और 10 करोड़ का ओवरड्राफ्ट लेने पर स्वीकृति, पार्षदों के भत्ते बढ़ाने पर स्वीकृति, निगम क्षेत्र की सफाई व्यवस्था और अलमेंड क्षेत्रों की बीटों पर सफाई/ सीवर सफाई कार्य व्यवस्था लागू, वार्ड वाइज नई लाइट लगवाने पर सहमति, बीवीजी की कार्य व्यवस्था की समीक्षा उपरांत व्यवस्था के सुधार के लिए दिशा निर्देश तय करते हुए चेतावनी, नगरीय विकास कर और राजस्व से संबंधित कार्यों की समीक्षा और प्रत्येक वार्ड में वार्षिक डेढ़ करोड़ रुपए से निर्माण सीवरेज, कैमरे, उद्यान, सफाई के विकास कार्य तय हुए थे.
इसके अलावा पूर्व निर्मित वार्ड कार्यालयों में फर्नीचर उपलब्ध करवाने और नए बनने वाले वार्ड कार्यालय के लिए भूमि आवंटन और पार्षदों के लिए लैपटॉप उपलब्ध करवाने को मंजूरी, सफाई कर्मचारियों का निगम स्थल पर मासिक हेल्थ चैकअप, दूषित जल की समस्या के समाधान के लिए भूमिगत यूटिलिटी सर्विसेज की डिजिटल मैपिंग करवाने को मंजूरी, बड़े खुले नालों को कवर करवाने और पीपीपी के तहत आय स्रोत बढ़ाना, जल महल की वर्तमान दयनीय स्थिति को सुधारने और यहां नौकायान शुरू करवाने पर सहमति, निगम स्वामित्व की संपत्तियों का सर्वे और रिकॉर्ड डिजिटलाइजेशन और निर्माण सामग्री और खाद्य सामग्री की जांच करवाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली आधुनिक प्रयोगशाला के निर्माण का एजेंडा पास हुआ था.