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स्ट्रीट चिल्ड्रन के पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए: संगीता बेनीवाल

राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को एक वेबिनार आयोजित किया गया. वेबिनार में बीकानेर संभाग की बाल कल्याण समितियों की ओर से संपादित किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई.

Sangeeta Beniwal,  Rajasthan State Child Rights Protection Commission
संगीता बेनीवाल

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Published : May 7, 2021, 10:01 PM IST

जयपुर.स्ट्रीट चिल्ड्रन के पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी. राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित वेबिनार में यह निर्देश दिए गए. वेबिनार में बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ की बाल कल्याण समितियों की ओर से संपादित किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई. साथ ही आपसी समन्वय और कोरोना महामारी से प्रभावित हुए बच्चों के विषयों पर चर्चा की गई.

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संगीता बेनीवाल ने कहा कि कोविड-19 के दौरान बालगृहों और संप्रेषण गृहों में प्रवेशित बच्चों का पूरा विवरण तैयार कर आयोग को भेजा जाए. आयोग की ओर से सुनिश्चित किया जाएगा कि इन बच्चों को पूर्ण सुरक्षा संरक्षण और देखभाल की जा रही है. बेनीवाल ने कोरोना महामारी में स्ट्रीट चिल्ड्रन को लेकर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि सभी जिले स्ट्रीट चिल्ड्रन की जानकारी एकत्रित करें, जिससे कि कोरोना महामारी के इस कठिन समय में बच्चों का पुनर्वास किया जा सके.

आयोग अध्यक्ष ने बीकानेर संभाग की बाल कल्याण समितियों के नवनियुक्त अध्यक्ष और सदस्यों को बधाई दी और बाल हित में अच्छे काम करने के लिए प्रेरित किया. साथ ही उन्होंने कोविड के इस मुश्किल समय में सभी विभागों के साथ आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करने की बात कही.

इस दौरान प्रत्येक जिले की बाल कल्याण समिति और बाल अधिकारिता विभाग के अधिकारियों से वार्ता कर जिले में संचालित बालगृहों और संप्रेषण गृहों में प्रवेशित बच्चों की जानकारी ली और बाल कल्याण समिति के कार्य संचालन में आ रही समस्याऐं जानी गई. जिनका निवारण बाल अधिकारिता विभाग की अतिरिक्त निदेशक रीना शर्मा की ओर से किया गया.

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वेबीनार में अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा पर चोरी छुपे होने वाले बाल विवाहों की रोकथाम को लेकर चर्चा की गई. आयोग अध्यक्ष ने आमजन से अपील है कि अपने बच्चों को बाल विवाह जैसे अभिशाप से बचाएं. सभी अधिकारियों और स्वयंसेवी संस्थाओं से बाल विवाह की सूचना बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई पुलिस के टोल फ्री नम्बर 100, चाइल्ड हेल्पलाइन को 1098 पर और बाल आयोग को वाट्सएप नंबर 77338/0243 अथवा ईमेल rscpcr@rajasthan.gov.in पर देने की अपील की है.

उन्होंने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह को दंडनीय अपराध माना गया है और ऐसा करने वालों के खिलाफ अधिनियम के तहत दो वर्ष का कठोर कारावास और एक लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है. इस संबंध में राजस्थान के सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों के माध्यम से बाल विवाह के दुष्प्रभावों का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं.

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