जयपुर. अर्चना शर्मा सुसाइड मामले में भाजपा ने किया नया (BJP Made a New Disclosure in Archana Sharma Case) खुलासा किया है. वहीं, अब सीबीआई जांच के लिए न्यायालय की शरण ली है. मंगलवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा और प्रदेश सचिव जितेंद्र गोठवाल ने इसकी जानकारी दी.
इस दौरान शर्मा ने कहा कि 5 सितंबर को डॉ टी. एस. कपूर जो कि राज्य फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला राजस्थान के पूर्व निदेशक रह चुके हैं और इस क्षेत्र के विशेषज्ञ के रूप में जाने माने वैज्ञानिक हैं. उन्होंने भी इस रिपोर्ट में विशेषज्ञ द्वारा डॉ. अर्चना शर्मा के हस्ताक्षर फर्जी और कूट रचित होने के संबंध में संपूर्ण वैज्ञानिक विश्लेषण देते हुए कई कारण अंकित किए थे. जबकि पूर्व में प्रदेश की विधि विज्ञान प्रयोगशाला द्वारा अत्यंत राजनीतिक दबाव में सुसाइड नोट के हस्ताक्षर को मृतका के हस्ताक्षर के समान बताया गया था.
भाजपा नेताओं ने क्या कहा, सुनिए... भाजपा नेताओं ने कहा कि घटना में एक ही हस्ताक्षर के संबंध में 2 विशेषज्ञों की रिपोर्ट पूर्ण रूप से परस्पर विरोधी आने के बाद यह जरूरी हो जाता है कि राज्य सरकार इसमें निष्पक्ष अनुसंधान सुनिश्चित कराएं और सुसाइड नोट की स्वतंत्र जांच हैदराबाद या दिल्ली की फॉरेंसिक लैब से कराएं. रामलाल शर्मा और जितेंद्र गोठवाल ने यह भी कहा कि सरकार यदि इस घटना की निष्पक्ष जांच और मृतका डॉ. अर्चना शर्मा को न्याय दिलवाना चाहती है तो फिर यह घटना की जांच सीबीआई से करवाने के लिए रेफर करें.
सीबीआई जांच के लिए न्यायालय की शरण पढ़ें :Archana Sharma Suicide Case एफएसएल रिपोर्ट पर भाजपा ने उठाए सवाल, की ये मांग
गौरतलब है कि 28 मार्च को दौसा में महिला चिकित्सक डॉ. अर्चना शर्मा द्वारा किए गए प्रसव से जुड़े ऑपरेशन के दौरान प्रसूता की मौत हो गई थी. जिसके बाद मृतका के परिजनों और अन्य स्थानीय लोगों ने महिला चिकित्सक पर आरोप लगाए, जिससे प्रताड़ित होकर महिला चिकित्सक डॉ. अर्चना शर्मा ने आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में भाजपा नेता जितेंद्र गोठवाल (BJP State Minister Jitendra Gothwal) को भी पुलिस ने नामजद कर कार्रवाई की थी.