जयपुर. देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन का एविशएश सेक्टर पर बहुत बड़ा असर पड़ा है. यात्री की संख्या के लिहाज से जयपुर एयरपोर्ट के लिए भी लॉकडाउन के कारण अप्रैल का महीना आज तक का सबसे खराब महीना रहा. एयरपोर्ट अथॉरिटी के आंकड़ों के मुताबिक जयपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से अप्रैल के महीने में केवल 20 यात्रियों ने ही यात्रा की.
दरअसल, जयपुर एयरपोर्ट से 22 मार्च को अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट का संचालन बंद कर दिया गया था और इसके बाद 25 मार्च से सभी तरह की घरेलू उड़ानों भी रोक दी गई थी. लेकिन जयपुर एयरपोर्ट पर इस बीच अति आवश्यक सेवा वाले विमान और मेडिकल फ्लाइट्स का आवागमन लगातार होता रहा. यही कारण है कि, अप्रैल में जयपुर एयरपोर्ट से बहुत कम संख्या में विमानों का आवागमन हुआ और यात्रियों का आवागमन भी किसी एक महीने में सबसे कम रहा है.
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बता दें कि, वर्ष 1948 से संचालित जयपुर एयरपोर्ट से एक महीने में इतने कम यात्रियों ने कभी यात्रा नहीं की थी. अप्रैल में मात्र 12 फलइट्स का ही संचालन हुआ. इनमें ओडिशा हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए मोहम्मद रफीक भी 26 अप्रैल को जयपुर से भुवनेश्वर के लिए रवाना हुए थे. हालांकि, मई में यात्रियों के आवागमन के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि 25 मई से देशभर में घरेलू उड़ानों का संचालन शुरू हो गया है. इसके साथ ही 22 मई से जयपुर एयरपोर्ट पर वंदे भारत मिशन के तहत भी अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स का आना भी शुरू हो गया है. जिससे मई में जयपुर एयरपोर्ट के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है.
जयपुर एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, जयपुर एयरपोर्ट अप्रैल में मात्र मेडिकल फ्लाइट को ही अनुमति दे रहा था. इस दौरान यहां से किसी अन्य देश के लिए कोई भी फ्लाइट का संचालन नहीं हुआ. इस कारण विमानों और यात्रियों का आवागमन बहुत कम रहा. उम्मीद है कि, एविएशन सेक्टर के लिए ऐसा खराब समय फिर कभी ना आए. इस खराब समय से उबरने और पुरानी गति को पकड़ने के लिए एविएशन सेक्टर को 1 साल तक का समय लग सकता है.