जयपुर.केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कोटा में राजस्थान आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली. जिसमें मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने राजस्थान में फेसलेस मूल्यांकन स्कीम और "विवाद से विश्वास" योजना के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की.
फेसलेस मूल्यांकन स्कीम और "विवाद से विश्वास" योजना का उद्देश्य करदाता सेवाओं में सुधार करना, पारदर्शिता बढ़ाकर इमानदार करदाताओं को सम्मानित करना, करदाता और कर प्रशासन के बीच सीधे संपर्क को कम करना और आयकर कानून की आसानी से अनुपालन करना है. साथ ही बैठक में राजस्थान आयकर विभाग के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त सुमंत सिन्हा ने आयकर विभाग की तरफ से हाल ही में उठाए गए उन सभी कदमों और प्रगति के बारे में मंत्री को जानकारी दी. जिनसे करदाताओं की सेवाओं और डेटा आधारित प्रशासन को पारदर्शी और बेहतर बनाया जाएगा.
अनुराग सिंह ठाकुर ने राजस्थान आयकर अधिकारियों की ली बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 अगस्त को फेसलेस मूल्यांकन योजना की शुरुआत की थी. जो प्रत्यक्ष कर प्रशासन में बड़े बदलाव का प्रतीक है. राजस्थान क्षेत्र में फेसलेस मूल्यांकन आधारित प्रशासन का नेतृत्व सीसीआईटी जोधपुर द्वारा किया जाता है. जयपुर, बीकानेर, अजमेर और अलवर में चार मूल्यांकन इकाइयां हैं. जोधपुर में एक सत्यापन इकाई और कोटा में एक समीक्षा इकाई है.
करदाताओं को जागरूक करने के लिए राजस्थान में आयकर विभाग ने लगभग 230 आउटरीच कार्यक्रम संचालित किए हैं. जिसमें आईसीएआई, चेंबर ऑफ कॉमर्स, ट्रेड एसोसिएशन और टैक्स बार एसोसिएशन जैसे विभिन्न हित धारक शामिल हैं. जिनमें संपूर्ण राजस्थान के करदाताओं को इस महत्वाकांक्षी योजना के लाभों के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है. इस वर्ष केंद्रीय बजट में लॉन्च की गई "विवाद से विश्वास" योजना पर मुकदमेबाजी को कम करने के उद्देश्य से सभी करदाताओं के अनुकूल पहल है. राज्य मंत्री ने करदाताओं से आग्रह किया है कि, कर आधारित विवादों से छुटकारे के लिए इस स्कीम का अधिकतम लाभ उठाएं.
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राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही कॉरपोरेट और व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आयकर दरों को कम कर दिया है. केंद्र सरकार ने करदाताओं को राहत देने के लिए न्यूनतम अनुपालन और डेटा चालित प्रौद्योगिकी सक्षम करदाता अनुकूल प्रशासन के लिए कई उपाय किए हैं. जो ईमानदार करदाताओं का सम्मान बढ़ाएंगे. हाल के दिनों में केंद्र सरकार की तरफ से लागू की गई योजनाओं और अन्य करदाताओं के अनुकूल उपायों के लाभों के बारे में विभिन्न हित धारकों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए और कदम उठाए जा सकते हैं.