जयपुर. प्रदेश के निजी स्कूल संचालकों ने 5 नवंबर से अनिश्चितकाल के लिए ऑनलाइन क्लासेज को बंद कर दिया है. उनका कहना है कि पिछले 8 महीने से उन्हें फीस का भुगतान नहीं हुआ है. जिसके कारण वे अपने स्टाफ को वेतन नहीं दे पा रहे और शिक्षकों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है.
निजी स्कूल संचालकों की हड़ताल से अभिभावक नाराज वहीं अब अभिभावक निजी स्कूल संचालकों के इस कदम के खिलाफ हो गए हैं. उनका कहना है कि जब हाईकोर्ट ने कह दिया है कि निजी स्कूल संचालक विद्यार्थियों की पढ़ाई के विरुद्ध कोई भी कार्रवाई नहीं करेंगे. उसके बावजूद भी निजी स्कूल संचालकों ने हड़ताल शुरू कर दी है. यह सीधे-सीधे हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना और इसके खिलाफ अभिभावकों ने हाईकोर्ट जाने का निर्णय भी किया है.
संयुक्त अभिभावक संघ के अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने बताया कि हम पहले भी कह चुके हैं कि निजी स्कूल संचालक शिक्षा को लेकर व्यापार करते हैं और निजी स्कूल संचालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल ने उनका चेहरा बेनकाब कर दिया है. शिक्षकों को वेतन देने के नाम पर निजी स्कूल संचालक बिना बात के ही इस तरह का कदम उठा रहे हैं. संयुक्त अभिभावक संघ इसके खिलाफ हाई कोर्ट में एसएलपी दायर करेगा. निजी स्कूल संचालकों को कोरोना काल में अभिभावकों, बच्चों की समस्या से कोई मतलब नहीं है.
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संयुक्त अभिभावक संघ की लीगल सेल के अध्यक्ष अधिवक्ता अमित छगाणी ने बताया कि हाईकोर्ट के कहने के बावजूद भी निजी स्कूल संचालकों ने छात्रों और अभिभावकों के खिलाफ एक्शन लिया है और अनिश्चित काल के लिए हड़ताल शुरू कर ऑनलाइन क्लासेज को बंद कर दिया है. इस मामले को लेकर जब भी हाईकोर्ट में अगली पेशी होगी उनके संज्ञान में यह मामला लाया जाएगा.