जयपुर. नियमित और मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर (Angry Anganwadi workers protested) आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगिनियों ने सोमवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और नियमितीकरण की मांग की. साथ ही नियमितीकरण नहीं होने तक न्यूनतम मजदूरी 21000 रुपये देने की भी मांग दोहराई. इन महिला कर्मचारियों का कहना है कि वह लंबे समय से नियमितीकरण की मांग को लेकर संघर्ष कर रहीं है, लेकिन सरकार हमारी सुनवाई नहीं कर रही. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और अन्य महिला कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और राज्य कर्मचारी नहीं बनाने पर आक्रोश जताया.
अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ की प्रदेश अध्यक्ष नील कमल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के इस कार्यकाल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता महिलाओं और अन्य महिला कर्मचारी कई बार हड़ताल करती रही हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वादा किया था कि वे संविदा पर लगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और अन्य महिला कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी बना दिया जाएगा. लेकिन अभी तक उनकी यह मांग पूरी नहीं हुई है.
मांग पूरी नहीं होने पर होगा बड़ा आंदोलन : नील कमल ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांग पूरी नहीं की तो प्रदेश भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनियों और अन्य महिला कर्मचारी सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन करेंगी. संघ के संरक्षक छोटे लाल बुनकर ने बताया कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में घोषणा की थी कि प्रदेश में संविदा पर लगे सभी कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी बनाया जाएगा और उस में आ रही बाधाओं को भी दूर किया जाएगा. इस सरकार का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है. लेकिन अभी तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा सहयोगिनियों को राज्य कर्मचारी बनाने का वादा पूरा नहीं किया है.
पढ़ें:जयपुर: बस्सी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा सहयोगिनियों को लगा कोरोना का टीका
महिला कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी नहीं बनाने पर कांग्रेस के खिलाफ वोट करेंगे कर्मचारी: छोटे लाल बुनकर ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार आने वाले 6 महीने में इन संविदा पर लगी महिला कर्मचारियों को नियमित नहीं करती है तो यह सभी महिला सड़कों पर उतरेगी और सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगी. आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर में बुनकर ने कहा कि प्रदेश में करीब 2 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आशा सहयोगिनी, सहायिका और साथिन काम कर रही हैं. इनके साथ इनके परिजन भी हैं. इसलिए इनकी शक्ति को किसी भी पार्टी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि यह कांग्रेस सरकार संविदा पर लगी महिला कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी नहीं बनाती है तो 2023 के विधानसभा चुनाव में वे कांग्रेस के खिलाफ वोट करेंगे और इसका खामियाजा सरकार को भुगतना होगा.