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नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद नीरज डांगी के घर खुशी का माहौल, लेकिन कोरोना के चलते जश्न नहीं

राजस्थान विधानसभा में राज्यसभा की 3 सीटों के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस की और से केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी ने जीत दर्ज की. वहीं बीजेपी के उम्मीदवार राजेन्द्र गहलोत भी विजयी रहे. जबकि ओंकार सिंह लखावत को पर्याप्त बहुमत नहीं मिला. ऐसे में नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद नीरज डांगी के घर खुशी का माहौल हैं. लेकिन कोरोना के चलते कोई खास जश्न नहीं मनाया जा रहा.

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राज्यसभा सांसद नीरज डांगी के घर खुशी का माहौल

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Published : Jun 19, 2020, 9:42 PM IST

जयपुर. राजस्थान से राज्यसभा पहुंचे कांग्रेस उम्मीदवार नीरज डांगी पिछले कुछ समय से दलित चेहरे के रूप में उभर के राज्य में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं. नीरज डांगी को पारिवारिक रूप से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का करीबी बताया जाता है. यही वजह है कि नीरज डांगी के विजय होने पर उनके परिवारजन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जता रहे हैं. जयपुर में जनपथ पर स्थित उनके आवास पर परिजनों में बेहद ही खुशी का माहौल है. हालांकि कोरोना के चलते मिठाई की जगह बिस्किट से ही एक दूसरे का मुंह मीठा करा रहे है.

राज्यसभा सांसद नीरज डांगी के घर खुशी का माहौल

नीरज डांगी के विजय होने पर परिवाजनों को हर कोई फोन पर बधाइयां बांट रहा है, लेकिन कोरोना महामारी में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए कम लोग ही उनके घर आ रहे है. हालांकि घर के बाहर दीवारें नीरज डांगी के विजय होर्डिंग से भरी पड़ी है. आमतौर पर किसी उम्मीदवार के जीत पर जश्न देखने को मिलता है वो नीरज डांगी के घर के बाहर नहीं देखा गया. नीरज डांगी के पिता दिनेश डांगी राजस्थान सरकार में पूर्व मंत्री रह चुके है.

पढ़ेंःराज्यसभा चुनाव परिणाम 2020: कांग्रेस के खाते में 2 और बीजेपी को 1 सीट पर जीत

परिजन बताते है कि यूथ कांग्रेस से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले नीरज डांगी 2002 में यूथ कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट बने फिर प्रदेश अध्यक्ष. जिसके चलते 2003 में ही उन्हें विधानसभा चुनाव में पार्टी ने देसूरी से उम्मीदवार बनाया. हालांकि चुनाव हारने के बाद 2008 में फिर रेवदर विधानसभा से प्रत्याशी बने, लेकिन फिर हार गए. हालांकि इस दौरान वो मायूस जरूर है, लेकिन हौसला नहीं टूटा. लगातार पार्टी के प्रति निष्ठा और ईमानदारी के बाद कांग्रेस ने 2018 में रेवदर विधानसभा से उन्हें फिर उम्मीदवार घोषित किया लेकिन नतीजा वो ही रहा. अब आखिर को वो राज्यसभा के लिए निर्वाचित घोषित कर दिए गए.

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