जयपुर.जयपुर में 25 साल बाद उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक आयोजित की गई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में (Amit Shah In NZC Meet) हुई इस बैठक में 8 राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, उप राज्यपाल समेत कैबिनेट मंत्रियों ने हिस्सा लिया. बैठक में एजेंडे में शामिल कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई. इस दौरान भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड में राजस्थान को शामिल किए जाने का मुद्दा भी उठाया गया लेकिन फिलहाल इस पर सहमति नहीं बन पाई है. बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दिए गए आश्वासन का भी जिक्र किया.
यह हुई चर्चा:केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में 4 घंटे से अधिक चली उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक में एक बार फिर राजस्थान को भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड मैं सदस्य बनाने को लेकर सहमति नहीं बन पाई. इसके साथ ही पॉक्सो कोर्ट ज्यादा खोले जाने को लेकर भी चर्चा हुई ताकि लंबित मामला के निस्तारण में तेजी आ सके. हालांकि राजस्थान में निर्धारित पोक्सो कोर्ट पहले से ही खोले जा चुके हैं. सभी स्कीमों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर में जोड़े जाने पर चर्चा की गई. इस पर राजस्थान की ओर से जवाब दिया गया कि प्रदेश में ज्यादातर स्कीमें डीबीटी से कनेक्ट की जा चुकी हैं. बताया गया कि 1-2 स्कीमों को छोड़कर सभी स्कीम डीबीटी से कनेक्ट की जा चुकी हैं. Post office की संख्या भी बढ़ाए जाने को लेकर चर्चा हुई ताकि 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले लोगों को पोस्ट ऑफिस की सुविधा मिल सके.
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जापान के पूर्व प्रधानमंत्री को दी श्रद्धांजलि:मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वागत उद्धबोधन में सर्वप्रथम जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की. सीएम गहलोत ने कहा कि शिंजो आबे ने भारत और जापान के संबंधों को नया आयाम दिया. भारत के एक अच्छे मित्र के दिवंगत होने पर यह एक निजी क्षति है. कल अमरनाथ यात्रा में बादल फटने के कारण जान गंवाने वाले सभी श्रद्धालुओं को भी उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की.
प्रदेश के जल मुद्दों पर केंद्र दे ध्यान
बैठक में गहलोत ने राजस्थान की चुनौतीपूर्ण भौगोलिक और प्राकृतिक परिस्थितियों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि राजस्थान 10.4 प्रतिशत क्षेत्रफल के साथ देश का सबसे बड़ा राज्य होते हुए भी यहां कुल सतही जल की उपलब्धता मात्र 1.16 प्रतिशत ही है. राज्य में वर्षा तंत्र में समय और स्थान के अनुसार बहुत भिन्नता है. इसके साथ वर्षा की कमी के कारण राज्य में अक्सर आंशिक अथवा पूर्ण रूप से अकाल और सूखे की स्थिति रहती है. राजस्थान का पश्चिमी भाग ग्रेट इंडियन थार डेजर्ट के अंतर्गत आता है जो कि अपेक्षाकृत शुष्क एवं अनुपजाऊ है. ऐसे में राज्य को पेयजल, सिंचाई, उद्योग आदि के लिए जल संसाधन की कमी की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. इस प्रकार जल सम्बन्धी मुद्दों के समाधान की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने की आवश्यकता है.
सीएम गहलोत ने यह रखे बैठक में मद्दे
राजस्थान से भाखड़ा व्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) में सदस्य की नियुक्ति भविष्य की परिस्थितियों और राजस्थान के व्यापक हित में राज्य के लिए BBMB में पूर्णकालिक सदस्य का एक अतिरिक्त पद राजस्थान के लिए सृजित किया जाना चाहिए.
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराध/बलात्कार के मामलों की शीघ्र जांच अपराध नियंत्रण एवं परिवादी को न्याय दिलाने की दृष्टि से हमने पुलिस थानों में स्वागत कक्ष स्थापित करने सहित कई नवाचार किये हैं. हमारी सरकार ने FIR की आवश्यक निर्बाध पंजीकरण की व्यवस्था स्थापित की है जिससे अपराध पंजीकरण की संख्या तो बढ़ी है परन्तु न्यायालय के माध्यम से 156 (3) के तहत दर्ज होने वाले मामलों की संख्या आधी रह गई है.
बलात्कार और पॉक्सो अधिनियम के मामलों के निस्तारण के लिए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) योजना से पूर्व ही 56 पॉक्सो कोर्ट क्रियाशील थे. राज्य ने पॉक्सो एक्ट प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए 60 विशेष न्यायालयों को क्रियाशील कर दिया है.
बैंक शाखाओं/डाक बैंकिंग सुविधाओं की ओर से गांवों के कवरेज से संबंधित मुद्दे: भौगोलिक कारणों से बैंक शाखाओं से वंचित 2908 गांवों में बैंक शाखाएं अथवा डाकघर की ओर से बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करने के लिए बैंक और डाक विभाग को आवश्यक निर्देश जारी किये जाएं.
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सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) को प्रभावी तरीके स₹से लागू करना
राज्य में जनआधार पोर्टल के माध्यम से 1 जुलाई 2022 तक लगभग 116 करोड़ ट्रांजेक्शन से लगभग 56 हजार करोड़ रुपये (संचयी रूप से) के प्रत्यक्ष लाभ और वर्ष 2022 के प्रथम 5 माह में राशि लगभग 6 हजार करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष नकद लाभ हस्तान्तरित किये गये हैं.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को 2001 की बजाय 2011 की जनगणना अनुसार लिया जाए. बैठक में कहा गया है कि राजस्थान ने राज्य निधि से वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर 500 आबादी तक के सभी गांवों को जोड़ने का कार्य शुरु कर अब तक 535 गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ दिया है. सामान्य क्षेत्रों में 250 तथा जनजातीय/मरुस्थलीय क्षेत्रों में 100 आबादी तक की बसावटों को PMGSY के तहत 2011 की जनगणना के आधार पर सड़कों से जोड़ा जाना चाहिए.
साइबर अपराधों की रोकथाम और सोशल मीडिया की चुनौतियां: सिम कार्ड जारी करने और बैंक खाता खोलने में भैतिक सत्यापन की प्रक्रिया ऐसी हो कि इसके दुरुपयोग करने पर संबंधित व्यक्ति की पहचान हो सकें ताकि साइबर अपराध पर लगाम लग सके.
सीएम गहलोत ने रखे राज्य के अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे:जल जीवन मिशन के वित्त पोषण पैटर्न में बदलाव और संचालन से सम्बंधित अन्य मुद्दे बैठक में उठाए गए. राजस्थान में भौगोलिक चुनौतियों के कारण जल जीवन मिशन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए वित्त पोषण पैटर्न को 90:10 किया जाना चाहिए. मिशन को पूरा करने की समय-सीमा को 31 मार्च, 2024 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2026 की जाए.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों की सीमा में वृद्धि:वर्ष 2021 की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर सीलिंग पुनः निर्धारित करते हुए राज्य के लाभार्थियों की वितरण सीमा 4.46 करोड़ से बढ़ाकर 5.24 करोड़ की जानी चाहिए.
जीएसटी मुआवजा अवधि का 5 वर्ष के लिए विस्तार व देय मुआवजे की राशि जारी करने का मामला भी उठा. जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि जून 2022 से पांच वर्ष बढ़ाकर जून 2027 तक की जाए. वर्ष 2017-18 से मई 2022 तक राजस्थान को देय जीएसटी मुआवजे की लगभग 5 हजार करोड़ रुपये की बकाया राशि भारत सरकार की ओर से एकमुश्त यथाशीघ्र जारी की जाए.
धोखाधड़ी में लिप्त मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाईटीज के विरुद्ध कार्रवाई: निवेशकों के हित में BANNING OF UNREGULATED DEPOSIT SCHEMES ACT. 2019 (BUDS ACT) के प्रावधानों को और अधिक कठोर बनाया जाए और राज्य सरकारों को इन सोसाइटीज पर और अधिक नियंत्रण करने के लिए मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट के तहत और अधिक शक्तियां दी जाएं. राज्य की तर्ज पर केन्द्र भी मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटियों का पंजीयन निषेध किया जाए तथा निवेशकों की परिवेदनाओं के लिए पोर्टल विकसित किये जाने के साथ इन समितियों की जब्त परिसंपत्तियों की नीलामी कर निवेशकों को यथाशीघ्र भुगतान दिलाया जाए.
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ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करना: पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना 37.247 करोड़ रुपये की राज्य की एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है. परियोजना से राज्य के 13 जिलों झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर एवं धौलपुर लाभांवित होंगे. माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जयपुर और अजमेर में 7 जुलाई, 2018 और 6 अक्टूबर, 2018 को आयोजित रैलियों में ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने पर सकारात्मक रुख रखने का वादा किया था. राज्य सरकार की ओर से इस मुद्दे को केन्द्र के स्तर पर निरन्तर उठाया गया है. मेरा आग्रह है कि केन्द्र सरकार की ओर से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को शीघ्रतिशीघ्र राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए.
बैठक में ये हुए शामिल- होटल रामबाग में उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शामिल हैं. वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की जगह उनके कैबिनेट के मंत्री प्रतिनिधि के तौर पर शामिल हुए हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जगह उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शामिल हुए. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी नहीं पहुंचे. सिन्हा अमरनाथ त्रासदी के चलते नहीं आ पाए.
आठ राज्य शामिल, जम्मू कश्मीर के LG मौजूद नहीं:उत्तर क्षेत्रीय परिषद में जिन 8 राज्यों को शामिल किया गया है उनमें राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल, प्रदेश पंजाब, संघ शासित प्रदेश दिल्ली, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर और लद्दाख शामिल हैं. बैठक में जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा बाकी सभी प्रतिनिधि मौजूद हैं. राज्यों के प्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्र की समस्याओं को भी रखेंगे. जयपुर में उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक करीब 25 साल बाद हो रही है. केंद्रीय गृह मंत्री शाह की अध्यक्षता में बैठक हो रही है.
प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंचे शाह प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह प्रदेश बीजेपी कार्यालय पहंचे हैं. इस दौरान सतीश पूनिया, वसुंधरा राजे, राजेन्द्र राठौड़ आदि प्रमुख नेता मौजूद हैं. पार्टी कार्यालय के आसपास पुलिस का भारी जाप्ता भी तैनात रहा. पास स्थित मालवीय अपार्टमेंट की छत पर भी पुलिस बल लगाया था. कार्यालय के पास वाली सड़क पर सभी तरह की आवाजाही रोक दी गई थी. आसपास की सभी सभी हाई राइज बिल्डिंग पर पुलिस के जवान तैनात रहे. एसटीएफ की टीम को भी लगाया था. दो आईपीएस की अगुवाई में तकरीबन 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी बीजेपी कार्यालय के आसपास तैनात रहे.