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प्रशासन शहरों के संग अभियान के बीच गहलोत सरकार ने जारी की नई प्रीमियम दरें, कई शुल्क भी हटाए

राजस्थान में प्रशासन शहरों के संग अभियान के अन्तर्गत सरकार ने शनिवार को नई गाइडलाइन जारी की है. जिसमें प्रदेश की जनता को कई प्रकार की रियायतें दी गई हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Rajasthan state government, प्रशासन शहरों के संग अभियान
प्रशासन शहरों के संग अभियान

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Published : Oct 30, 2021, 8:53 AM IST

Updated : Oct 30, 2021, 9:41 AM IST

जयपुर.प्रशासन शहरों के संग अभियान के बीच गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने कृषि भूमि से अकृषि प्रयोजन के लिए नई प्रीमियम दरें तय की है. इसके अलावा राजकीय भूमि की आवंटन दरें (Government Land Allotment Rates) भी निर्धारित की गई हैं. अभियान अवधि में कृषि भूमि (Agricultural Land) की कॉलोनियों में 31 मार्च 2019 तक की अनुमोदित योजनाओं में 300 वर्ग मीटर तक के आवासीय भूखंड के लिए दर घटाने के साथ-साथ आंतरिक विकास कार्य, बाह्य विकास कार्य, बीएसयूपी और साइट प्लान शुल्क भी खत्म कर दिए गए हैं.

प्रशासन शहरों के संग अभियान

पुरानी आबादी में बसे लोगों को राहत

प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत पुरानी आबादी में बसे लोगों को राहत दी है. जिनके पास दिसंबर-2018 से पहले के पारिवारिक बंटवारानामा, वसीयत, रजिस्ट्री, हक त्याग प्रमाण-पत्र और पूर्व राजपरिवारों के कब्जे के तौर पर दस्तावेज हैं और सम्पत्ति गैर मुमकिन आबादी में दर्ज है, तो उन्हें भी केवल 501 रुपए में ही पट्टा दिया जाएगा.

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राजस्थान आवासन मण्डल की कॉलोनियों में छूट नहीं होगी लागू

नगरीय विकास आवासन और स्वायत्त शासन विभाग (Department of Urban Development, Housing and Autonomous Government) के द्वारा जारी की गई नई प्रीमियम राशि में 31 मार्च 2019 तक की अनुमोदित योजनाओं में 300 वर्ग मीटर से बड़े आवासीय और अन्य प्रयोजनों के भूखंडों के लिए भी प्रीमियम दरें निर्धारित की गई है. 31 मार्च 2019 के बाद और अभियान अवधि में स्वीकृत कॉलोनियों के लिए अलग-अलग टीम एवं राशि निर्धारित की गई है. अभियान अवधि में आवासीय 300 वर्गमीटर से 500 वर्ग मीटर तक के मूखण्डों में (भूतल+प्रथम तल के लिए) प्रार्थना पत्र शुल्क, जांच शुल्क और अनुमोदन शुल्क को सम्मिलित करते हुए नई दरों के साथ भवन निर्माण अनुमोदन शुल्क तय किया गया है. साथ ही स्थानीय निकाय की योजनाओं और अन्य सभी प्रकार के भूखण्डों में भू-उपयोग परिवर्तन की दरों की 50 प्रतिशत की छूट देय होगी. घटायी गई राशि लेकर भू-उपयोग परिवर्तन कर परिवर्तित उपयोग के अनुरूप ही फ्री होल्ड का पट्टा दिया जाएगा. हालांकि ये छूट राजस्थान आवासन मण्डल की कॉलोनियों में देय नहीं होगी.

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एकमुश्त शुल्क लेकर दिया जाएगा पट्टा

साथ ही उप-विभाजन / पुनर्गठन के संबंध में अभियान अवधि में आवासीय और औद्योगिक प्रयोजन के लिए पर्यटन ईकाई और संस्थागत प्रयोजन के समान ही उप-विभाजन / पुर्नगठन शुल्क 25/- रु प्रति वर्गमीटर (अधिकतम 15 लाख रूपये) लेकर उप-विभाजन / पुर्नगठन कर उसी के अनुरूप फी-होल्ड के पट्टे दिये जाएंगे. आवासन मण्डल की ओर से कॉलोनियों का हस्तान्तरण निगम / परिषद / पालिका को कर दिया गया है, तो भी ये छूट नहीं दी जाएगी. इसके साथ ही अभियान अवधि में नामान्तरण के लिए पहले लिये जा रहे प्रति वर्गमीटर की दर से देय राशि को खत्म करते हुए एकमुश्त शुल्क लेकर नाम परिवर्तन के अनुसार ही फ्री-होल्ड का पट्टा दिया जाएगा.

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कोई भी अन्य राशि जोड़ने पर अधिकारी के खिलाफ होगी कार्रवाई

अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि कोई अधिकारी / कर्मचारी नाम हस्तान्तरण के मामले में मौका निरीक्षण नहीं करेगा. नाम हस्तान्तरण के मामले में रजिस्टर्ड विक्रय पत्र / रजिस्टर्ड गिफ्ट डीड होने पर अखबार में विज्ञप्ति प्रकाशित नहीं कराई जायेगी. नगरीय निकाय की ओर से प्रार्थी को नया पट्टा देने का विकल्प दिया जाएगा. यदि किसी स्थानीय निकाय के किसी भी अधिकारी / कर्मचारी की ओर से अभियान अवधि में डिमाण्ड नोट में कोई भी अन्य राशि जोड़ी जाती है तो ऐसे अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

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किसी भी प्रकार का अन्य शुल्क नहीं वसूला जाएगा

वहीं किसी भी नगर निकाय की ओर से नामान्तरण के प्रकरणों में अन्य कोई सेस / प्रमाण-पत्र शुल्क / अन्य किसी के भी नाम से शुल्क / प्रभार वसूल नहीं किया जायेगा. यदि किसी नगरीय निकायों के किसी भी अधिकारी / कर्मचारी की ओर से अभियान अवधि में डिमाण्ड नोट में अन्य राशि जोड़ी जाती है तो ऐसे अधिकारी / कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. यदि इस तरह का प्रस्ताव बोर्ड में लिया गया है तो संबंधित आयुक्त / अधिशाषी अधिकारी की ओर से उसे राज्य सरकार को प्रेषित कर निरस्त करवाया जाएगा.

वहीं, भूखण्डों के ब्याज के संबंध में निजी खातेदारी की योजनाओं में टाउनशिप पॉलिसी 2002 के तहत आन्तरिक विकास के लिए 12.5 प्रतिशत भूखण्ड रहन रखने का प्रावधान है. जेडीए और अन्य नगरीय निकायों की ओर से निर्धारित आंतरिक विकास की राशि भूखण्ड के आवंटियों से लेकर संबंधित भूखण्ड रहन मुक्त कर आंतरिक विकास खुद के स्तर पर कराया जाना है. भूखण्डधारियों की ओर से आंशिक या पूर्ण राशि निकाय में जमा करा दी है, लेकिन ब्याज के कारण अतिरिक्त भार काफी अधिक हो रहा है.

ऐसे में वर्ष 2002 की टॉउनशिप पॉलिसी-2002 के तहत निजी खातेदारी की कॉलोनियों में अभियान अवधि में भूखण्ड आवंटियों से विकास शुल्क के रूप में देय राशि पर ब्याज में शत प्रतिशत छूट प्रदान करते हुये भूखण्डों को रहन मुक्त करने के आदेश जारी किए गए हैं.

Last Updated : Oct 30, 2021, 9:41 AM IST

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