जयपुर. राज्य उपभोक्ता आयोग जयपुर की बैंच-2 दो ने हॉस्पिटल में आईसीयू नहीं होने और मरीज को रेफर करने में देरी होने के मामले में फैसला सुनाया है. आयोग ने आदेश में कहा कि हॉस्पिटल में आईसीयू नहीं होने और मरीज को देरी से रेफर करने पर अस्पताल और डॅा. परिवादी को हर्जाना राशि 5 लाख रुपए 6 मई 2015 से 9 प्रतिशत ब्याज सहित दे. इ
सके अलावा मृतका के परिवादी दोनों बेटों यश और कृष के नाम दस लाख रुपए की एफडी भी ब्याज सहित बनाई जाए. जो उन्हें 18 साल की उम्र पूरी होने पर दी जाए. मामले के अनुसार परिवादी ने अमर जैन हॉस्पिटल सहित अन्य के खिलाफ राज्य उपभोक्ता आयोग में परिवाद दायर कर कहा था कि उसकी पत्नी शालू शर्मा को सर्दी और बुखार होने पर सांस लेने में परेशानी हुई. जिस पर उसने अमर जैन हॉस्पिटल में पत्नी को दिखाया तो डॉक्टर ने भर्ती करने की सलाह दी. इस दौरान टेस्ट कराए और दवाई दी. लेकिन किसी सीनियर डॉक्टर ने उसे नहीं देखा. एक्सरे में लंग्स सिकुडें हुए पाए गए.