जयपुर.प्रदेश में सितंबर अक्टूबर से पर्यटक सीजन शुरू होने वाला है. आगामी पर्यटक सीजन को देखते हुए गुलाबी नगरी पावणों के स्वागत के लिए तैयार है. कोरोना काल का समय पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए काफी बुरा निकला है. ऐसे में अब आने वाले पर्यटन सीजन से सभी को काफी उम्मीदें हैं. पिछले 2 महीने में प्रदेश में पर्यटको की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है. एक भी पर्यटक इस दौरान कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया. जिन स्मारकों पर सन्नाटा पसरा हुआ था, वहां अब लोगों की हलचल है.
गुलाबी नगरी में सीजन से पहले सैलानी आने लगे हैं. सैलानियों की बढ़ती संख्या को देखकर पर्यटन व्यवसाई काफी उत्साहित है. माना जा रहा है कि इस सीजन में व्यापारी पिछले 2 साल के नुकसान से उबर जाएंगे. पर्यटकों को लुभाने के लिए राजधानी जयपुर में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों की ओर से विशेष तैयारियां की जा रही है. वहीं, पुरातत्व और पर्यटन विभाग भी पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है. पर्यटकों के स्वागत के लिए पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग पलके बिछाए बैठे हैं.
दिसंबर तक 10 लाख से अधिक पर्यटकों के आने का अनुमान
30 सितंबर तक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक है, लेकिन सरकार नीति के अनुसार घरेलू पर्यटकों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है. प्रदेश में दिसंबर तक 10 लाख से भी ज्यादा घरेलू पर्यटकों के आने का अनुमान लगाया जा रहा है. ऐसे में शुरू हो रहे पर्यटन सत्र से टूरिज्म ट्रेड को बड़ी उम्मीदें हैं. जंगल और प्रकृति के बीच बसे टूरिस्ट स्पॉट पर भी काफी हलचल देखी जा रही है. टाइगर सफारी, लेपर्ड सफारी, लॉयन सफारी और अन्य वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में भी पर्यटकों की रौनक नजर आने लगी है.
पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है विभाग
आमेर महल के अधीक्षक पंकज धरेंद्र ने बताया कि विभाग पर्यटकों के लिए स्वागत के लिए तैयार हैं. कोरोना की दूसरी लहर जाने के बाद पर्यटकों में दिन-ब-दिन इजाफा ही हो रहा है. वीकेंड पर काफी संख्या में पर्यटक आमेर आ रहे हैं. अगस्त से ही पर्यटक सीजन शुरू हो गया है. अगर अंतरराष्ट्रीय फ्लाइटों पर से रोक हट जाती है तो पर्यटकों की संख्या में निश्चित तौर पर इजाफा होगा. अक्टूबर से लेकर मार्च तक पर्यटकों का पीक सीजन रहेगा. काफी संख्या में पर्यटक आते हैं तो सुरक्षाकर्मियों की संख्या में बढ़ोतरी कर दी जाएगी. इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि पर्यटकों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो.
होटल कारोबारियों की सीजन पर टिकी उम्मीदे
होटल व्यवसाई मोहन लाल सैनी ने बताया कि कोरोना काल में होटल इंडस्ट्री बिल्कुल डाउन हो चुकी है. करीब डेढ़ साल से ज्यादा समय हो गया और पर्यटकों का आना भी बंद हो गया. होटल कारोबारियों के लिए बिजली के बिल और स्टाफ का वेतन भी काफी मुश्किल हो गया है. जिन होटल कारोबारियों ने बैंक से लोन ले रखा है उनकी हालत भी खस्ता हो चुकी है. ऐसे में सितंबर- अक्टूबर से शुरू होने वाले पर्यटक सीजन से काफी उम्मीदें जुड़ी हुई हैं. यही आस लगाए बैठे हैं कि पर्यटक सीजन अच्छे से चले और पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो, ताकि पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों की स्थिति सुधर सके. अगर इस बार के टूरिस्ट सीजन पर भी पर्यटक नहीं आए तो होटल व्यवसायियों की हालत ज्यादा खराब हो जाएगी. कोरोना काल का सबसे ज्यादा प्रभाव होटल इंडस्ट्री पर पड़ रहा है.
कोरोना काल में पर्यटन उद्योग को करीब 2000 करोड़ का नुकसान
पिछले 18 महीने से कोरोना की चपेट में आए पर्यटन व्यवसाय के लिए उम्मीदों का नया पर्यटन सत्र शुरू होने जा रहा है. कोरोना काल में टूरिज्म व्यवसाय से जुड़े करीब 30 लाख से ज्यादा लोग प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से प्रभावित हुए. पर्यटन उद्योग को करीब 2000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. इसके साथ ही 2 हजार से ज्यादा छोटी-बड़ी पर्यटन इकाइयां बंद हो गई. 100 से अधिक अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय टूरिज्म इवेंट मेले उत्सव भी कोरोना की भेंट चढ़ गए.
कोरोना से टूटी पर्यटन उद्योग की कमर
प्रसिद्ध पैलेस ऑन व्हील ट्रेन भी कोरोना की चपेट में आकर पिछले 18 महीने से ट्रैक पर नहीं आ पाई है. राजधानी में करीब 1,000 से अधिक छोटे-बड़े होटल और रिसोर्ट संचालकों की भी हालत खस्ता हो गई, स्टाफ को भी छुट्टी देनी पड़ गई. कोरोना के चलते पर्यटन उद्योग की कमर टूट चुकी है, लेकिन अब आने वाले सीजन को लेकर काफी उम्मीदें लगाई जा रही है.
कोरोना काल में काफी त्रस्त हुए पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग
टूरिस्ट गाइड महेश कुमार शर्मा ने बताया कि कोरोना काल का समय टूरिज्म इंडस्ट्री के लिए बहुत ही बुरा निकला है. इस दौरान पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग काफी त्रस्त हुए, लेकिन अब आने वाले पर्यटक सीजन को लेकर पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों ने अच्छी तैयारियां शुरू कर दी है. यही उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सितंबर अक्टूबर से पर्यटकों की अच्छी शुरुआत हो. काफी लंबे समय से लोग घरों से बाहर भी नहीं निकले थे. ऐसे में लोग भी पर्यटक स्थलों पर विजिट करने के लिए उत्सुक हैं.
पढ़ेंःSpecial : काबुल के पठानों पर विजय का प्रतीक है जयपुर में फहरने वाला पचरंगा ध्वज
फिलहाल घरेलू पर्यटक गुलाबी नगरी में घूमने पहुंच रहे हैं. गुलाबी नगरी में जुलाई महीने की बात की जाए तो करीब 1,77,759 पर्यटक घूमने के लिए पहुंचे थे, तो वहीं अगस्त महीने में करीब 2,86,147 पर्यटको ने गुलाबी नगरी के विभिन्न पर्यटक स्थलों पर विजिट किया है. पूरे प्रदेश की बात की जाए तो जुलाई महीने में करीब 2,26,403 पर्यटक घूमने पहुंचे थे. वहीं अगस्त महीने में करीब 3,77,597 पर्यटकों ने विजिट किया है.