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Alarming May for CM Ashok Gehlot: तारीख बताती है कैसे मई है इस्तीफों का माह! - jaipur latest news

मई माह राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए अलार्मिंग (Alarming May for CM Ashok Gehlot) है. इसकी गवाही इतिहास देता है. इस अलार्मिंग संयोग को गणेश घोघरा के इस्तीफे से और बल मिल गया.

Alarming May for CM Ashok Gehlot
तारीख कुछ कहती है!

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Published : May 19, 2022, 9:47 AM IST

Updated : May 19, 2022, 11:05 AM IST

जयपुर. कांग्रेस पार्टी के नव संकल्प शिविर में युवाओं को आगे बढ़ाने का संकल्प जोरों शोरों से लिया गया. 50 फीसदी प्रतिनिधित्व का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया. इस फैसले को 2 ही दिन हुए थे कि 18 मई को यूथ कांग्रेस के प्रतिनिधि गणेश घोघरा ने इस्तीफा सौंप जोर का झटका दे दिया. घोगरा ने विधायकी छोड़ दी. इस्तीफे से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जरूर फिक्रमंद होंगे क्योंकि राजनीति के जादूगर सीएम के साथ एक अजीब सा संयोग भी जुड़ गया है. इसे मई माह में इस्तीफे के संयोग (Alarming May for CM Ashok Gehlot) का नाम दे सकते हैं. तारीख बताती है कि पिछले कुछ साल से पार्टी पदाधिकारी हों, विधायक हों या फिर मंत्री हों अपना इस्तीफा सौंपने के लिए मई माह को चुनते हैं. 2019 से ये बदस्तूर जारी है. हालांकि एक साल जो कोरोना काल (2020) था वो CM के लिए शांति से गुजर गया.

इस्तीफे का माह मई: दरअसल गहलोत के इस कार्यकाल में अब तक 3 मंत्री, विधायकों ने इस्तीफे दिए हैं. शुरुआत 25 मई 2019 को हुई. तब लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए मंत्री लाल चंद कटारिया ने गहलोत को मंत्री पद से इस्तीफा भेज दिया. इसके लगभग एक साल बाद 18 मई 2021 को राजस्थान सरकार में वर्तमान मंत्री हेमाराम चौधरी ने क्षेत्र में काम नहीं होने से नाराजगी जताते हुए अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को सौंप दिया और अब ठीक एक साल बाद 18 मई 2022 को गणेश घोघरा ने विधायकी छोड़ने का ऐलान कर दिया. ऐसे में इसे संयोग माना जाए या कुछ और लेकिन ये बात साफ है कि मई महीना मुख्यमंत्री को इस्तीफे (many resignation In Row In Rajasthan) का झटका जरूर दे जाता है.

गणेश घोगरा का इस्तीफा
मंत्री का इस्तीफा
लाल चंद कटारिया का इस्तीफा

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एक संयोग ये भी: यूथ कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक गणेश घोघरा ने अपने पद से इस्तीफा भले ही दे दिया हो लेकिन उनके इस्तीफे पर कोई कार्रवाई होगी ऐसा संभव नहीं है. इसके पीछे भी एक संयोग ही है. पुराने पन्नों को पलटें तो पाएंगे कि 3 बार दिए गए इस्तीफे को एक बार भी स्वीकारा नहीं गया है. सभी विधायक अपने पदों पर बरकरार हैं. ऐसे में यकीनी तौर पर कहा जा सकता है कि गणेश घोघरा के रूप में मिले इस्तीफे को भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वीकार नहीं करेंगे और युवा नेता की नाराजगी दूर करने का प्रयास किया जाएगा. यहां ये भी क्लियर करना जरूरी है कि भले ही 3 इस्तीफों की बात होती हो लेकिन तकनीकी तौर पर 4 कहे जा सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि मंत्री हेमाराम चौधरी विधायक रहते हुए दो बार अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं. उनके 2 और मंत्री लालचंद कटारिया का एक मिलाकर कुल 3 इस्तीफे होते हैं चौथा नम्बर घोघरा का आता है.

Last Updated : May 19, 2022, 11:05 AM IST

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