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अजमेर दरगाह बम ब्लास्ट मामला: अभियुक्तों और बरी हुए आरोपियों से हाईकोर्ट ने मांगा जवाब - Rajasthan High Court Order

राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर दरगाह बम कांड में एनआईए मामलों की विशेष अदालत से बरी हुए स्वामी असीमानंद सहित 7 लोगों और आजीवन कारावास की सजा के अभियुक्त भावेश पटेल और देवेन्द्र गुप्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

अजमेर दरगाह बम कांड,  Ajmer dargah bomb scandal
राजस्थान हाईकोर्ट

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Published : Jan 10, 2020, 8:33 PM IST

Updated : Jan 10, 2020, 11:14 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर दरगाह बम कांड में एनआईए मामलों की विशेष अदालत से बरी हुए स्वामी असीमानंद सहित 7 लोगों और आजीवन कारावास की सजा के अभियुक्त भावेश पटेल और देवेन्द्र गुप्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश महेन्द्र गोयल ने यह आदेश प्रकरण में एफआईआर दर्ज कराने वाले सैयद सरवर चिश्ती की ओर से दायर लीव-टू-अपील पर सुनवाई करते हुए दिए.

अपील में कहा गया कि निचली अदालत ने बरी किए आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य माने थे, लेकिन उन्हें तकनीकी आधार पर बरी किया गया. जबकि इन पर राष्ट्रीय अखंडता को तोड़ने के आरोप थे. प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से पेश इलेक्ट्रोनिक साक्ष्य के संबंध में साक्ष्य अधिनियम के तहत सक्षम अधिकारी की ओर से जारी प्रमाण पत्र के अभाव में नहीं माना गया. इसी तरह भावेश पटेल और देवेन्द्र गुप्ता को भी फांसी की जगह आजीवन कारावास की सजा दी गई, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

पढ़ें- हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर पूछा- किन्नरों के कल्याणकारी प्रावधानों को लागू करने के लिए क्या कर रही है सरकार

गौरतलब है कि 11 अक्टूबर 2007 को अजमेर दरगाह में हुए बम विस्फोट में 3 लोगों की मौत हो गई थी. एनआईए कोर्ट ने 22 मार्च 2017 को 2 अभियुक्तों को आजीवन कारावास सुनाते हुए असीमानंद सहित 7 आरोपियों को बरी कर दिया था. वहीं, हाईकोर्ट गत वर्ष 30 अगस्त को दोनों अभियुक्तों की अपील के निस्तारण तक आजीवन कारावास की सजा को स्थगित कर चुका है. इसके अलावा बाद में गिरफ्तार सुरेश नायर को एनआईए कोर्ट ने गत 19 दिसंबर को बरी किया था.

Last Updated : Jan 10, 2020, 11:14 PM IST

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