जयपुर. माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा ने बुधवार को जयपुर में आरएसएमएमएल के बोर्ड ऑफिस में माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के कार्याें की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में खनिज और खनन के नए क्षेत्रों की खोज के साथ ही उनके दोहन की विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि इससे राज्य की खनिज संपदा का वैज्ञानिक खनन, रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी और अधिक राजस्व प्राप्त हो सकेगा.
अजिताभ शर्मा ने माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के कार्याें की समीक्षा की साथ ही नई खनन नीति में छोटे लीज धारियों के हितों का भी ध्यान रखा जाएगा, क्योंकि छोटी लीज से रोजगार के अधिक अवसर विकसित होने के साथ ही राज्य को अधिक राजस्व प्राप्त होता है. बैठक में निदेषक माइंस केबी केबी पण्डया, उपसचिव नीतू बारुपाल और माइंस मुख्यालय उदयपुर और जयपुर के अधिकारी हिस्सा ले रहे थे. उन्होंने बताया कि कोरोना प्रभाव के बावजूद 9 करोड़ राजस्व कम रहा है जबकि अक्टूबर में ही पिछले साल की तुलना में 105 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया है.
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अजिताभ शर्मा के अनुसार पिछले साल अक्टूबर तक 2,325 करोड़ का राजस्व अर्जित हुआ था जो कोरोना और लाॅकडाउन के बावजूद इस साल 2316 करोड़ राजस्व मिला है. शर्मा ने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार राज्य में 82 प्रकार के खनिज है जिनमें से 57 प्रकार के खनिजों का उत्पादन हो रहा है. इस क्षेत्र में 6-8 लाख को प्रत्यक्ष और 22-25 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रुपए से रोजगार प्राप्त हो रहा है. उन्होंने एमनेस्टी योजना में गति लाने को कहा.
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प्रमुख सचिव माइंस अजिताभ शर्मा ने अधिकारियों को अवैद्य खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने जैसे कठोर कदम उठाने के निर्देष दिए. उन्होंने विभागीय कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने को कहा. शर्मा ने दो साल की बजट घोषणाओं, जन घोषणा पत्र के बिंदुओं, मुख्यमंत्री की घोषणाओं, संपर्क पोर्टल के प्रकरणों सहित विभिन्न नियमित बिंदुओं पर समय सीमा में कार्रवाई के निर्देश दिए.