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ब्यूरोक्रेसी की शिकायत हर राज्य में होती है, चाहे वह भाजपा का हो या कांग्रेस काः अजय माकन

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Published : Sep 10, 2020, 9:14 PM IST

राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अजय माकन ने कहा कि जिन जिलों में प्रभारी मंत्री नहीं है वहां जल्द ही प्रभारी मंत्री को लगाया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि ब्यूरोक्रेसी की शिकायत हर राज्य में होती है, चाहे वह भाजपा का हो या कांग्रेस का.

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राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अजय माकन

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अजय माकन गुरुवार को अपनी फीडबैक कार्यक्रम के बाद मीडिया ब्रीफिंग की. इस दौरान उन्होंने कहा कि ऐसे फीडबैक कार्यक्रम से सब लोगों को बोलने का मौका मिलता है और सकारात्मक चर्चा होती है. उन्होंने कहा कि अजमेर और जयपुर सहित 6 जिलों के नेताओं से चर्चा हुई है. इसमें सरकार और संगठन में बेहतर समन्वय कैसे बेहतर बनाया जा सके, इसकी बातचीत की गई है.

राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन का बयान

माकन ने दोहराया कि वह 2 अक्टूबर को जनता के सामने रिपोर्ट रखने वाले हैं. गुरुवार को ब्यूरोक्रेसी को लेकर मिली शिकायतों पर उन्होंने कहा कि ब्यूरोक्रेसी की शिकायत हर राज्य में होती है, चाहे वह भाजपा का हो या कांग्रेस का. लेकिन हम इन्हें और सुधारने का प्रयास करेंगे. अजय माकन ने कहा कि जिन जिलों में अभी प्रभारी मंत्री नहीं हैं, वहां जल्द ही मुख्यमंत्री रीऑर्गेनाइज करेंगे.

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अजय माकन ने कहा कि प्रभारी मंत्रियों का काम बड़ा होता है और आने वाले समय में उनका रोल भी बड़ा होगा क्योंकि यह जनता के लिए आसान नहीं है कि वह हर काम को लेकर जयपुर आए. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि फीडबैक का काम लगातार चलने वाली प्रक्रिया है. कांग्रेस पंचायती चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेगी जब सभी कांग्रेसी नेता एकजुटता से काम करेंगे.

गोविंद सिंह डोटासरा का बयान

वहीं, को-ऑर्डिनेशन कमेटी को लेकर उन्होंने कहा कि को-ऑर्डिनेशन कमेटी का सिस्टम पूरे देश में कांग्रेस पार्टी की ओर से लागू है और जो काम हम कर रहे हैं वह को-ऑर्डिनेशन का ही है. वहीं तबादला नीति को लेकर उन्होंने कहा कि यह कैबिनेट का निर्णय होता है. जो कैबिनेट निर्णय लेगी हम उस पर टिप्पणी नहीं कर सकते हैं.

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि आज जो प्रमुख सुझाव इस फीडबैक कार्यक्रम में मिले हैं, उनमें से एक निर्णय पहले ही हो चुका है कि प्रभारी मंत्री अपने जिलों में जाएंगे. इसके साथ ही दूसरा यह भी सुझाव है कि जो जिला अध्यक्ष बनते हैं वह ब्लॉक की बैठकों में भी जाएं. जिससे कार्यकर्ता का काम हो सके.

डोटासरा ने कहा कि जो वीसीआर भरी जा रही है उसमें अब तक यह नियम है कि किसानों को 70 फीसदी वीसीआर के चालान का जमा कराना होता है, जिसके बाद सेटलमेंट कमेटी में यह मामला जाता है जिस पर सेटलमेंट कमेटी यह तय करती है कि कितनी वीसीआर किसान की जमा होनी है. हम चाहते हैं कि इस क्राइटेरिया को घटाकर कम किया जाए.

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