जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी महासचिव अजय माकन आज जयपुर पहुंचे. उन्होंने कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान अजय माकन ने मीडिया के बात करते हुए कहा कि वे आज शाम मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेंगे और प्रदेश पदाधिकारियों के साथ चर्चा में जो बातें हुई हैं, उन्हें मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे.
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही राजस्थान में कैबिनेट के रिक्त पदों को लेकर, राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर और जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्तियों को लेकर मुख्यमंत्री से बात करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि सभी साथियों को साथ में लेकर जल्द से जल्द ये सब काम प्रदेश में कर दिए जाएं.
जल्द होगा मंत्रिमंडल विस्तार- माकन उन्होंने कहा कि चाहे कैबिनेट हो, राजनीतिक नियुक्तियां हों या फिर संगठन में विस्तार हो. सभी काम work-in-progress है. हम सब की यही कोशिश है कि सबकी रजामंदी कर अच्छा निर्णय करें. माकन ने कहा जल्द ही कांग्रेस में कार्यकर्ताओं के अच्छे दिन आएंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राजस्थान सरकार विश्व में कोरोना मैनेजमेंट में एक मिसाल बनी है. जिसका हमें गर्व है.
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राजस्थान में होने वाले कैबिनेट विस्तार में देरी के सवाल पर अजय माकन ने यह भी कहा कि इस बात का सवाल हमेशा कांग्रेस पार्टी से ही पूछा जाता है. लेकिन क्या कभी मोदी सरकार ने यह सवाल किसी ने पूछा है कि उनका मंत्रिमंडल विस्तार इतना देरी से क्यों हो रहा है? जबकि कई बेचारों को कांग्रेस से लेकर भाजपा में शामिल किया गया. लेकिन उन्हें कैबिनेट में नहीं लिया जा रहा था. अब जाकर इतनी देरी से मोदी कैबिनेट का विस्तार क्यों होने जा रहा है.
माना जा रहा है कि अजय माकन ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को ध्यान में रखते हुए भाजपा पर यह तंज कसा. गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिल्ली से कॉल आया था. उनके केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के पूरे आसार हैं.
हर पार्टी में होते हैं आपस में अलग-अलग सोच के नेता
माकन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी से यह सवाल पूछे जाते हैं कि उनकी पार्टी में नेता अलग-अलग बात क्यों कर रहे हैं. लेकिन क्या भाजपा में यह बातें किसी को नजर नहीं आती. कर्नाटक में भाजपा के हाल हो, वेस्ट बंगाल में हो या फिर अन्य राज्यों में, हर समय हर राज्य में, हर पार्टी के अंदर अलग अलग तरीके की सोच वाले लोग होते हैं. जिनकी अपनी अलग अलग सोच होती है. किसी भी पॉलीटिकल पार्टी में किसी भी राज्य में अलग-अलग सोच के नेता न हों, ऐसा एक भी राज्य नहीं होगा.