जयपुर. राजस्थान कांग्रेस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट को एक करने के लिए नवनियुक्त प्रभारी अजय माकन ने काम शुरू कर दिया है. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के चलते उन्हें दौरा बीच में ही स्थगित करना पड़ा था. लेकिन अब अजय माकन फिर से दौरे की शुरुआत कर रहे हैं.
जिसमें पहले वो 8 सितंबर को जयपुर और 9 सितंबर को अजमेर संभाग के नेताओं से मुलाकात करेंगे. इन दोनों संभागों में बटी हुई कांग्रेस माकन के लिए बड़ी चुनौती साबित होगी. क्योंकि, जयपुर संभाग के सीकर जिले से प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा आते हैं और अजमेर संभाग से सचिन पायलट खुद सांसद रह चुके हैं और उनकी वर्तमान विधानसभा सीट टोंक भी इसी संभाग में आती है.
सीकर में चुनौती ज्यादा...
सीकर जिले के हालात हैं कि गोविंद गोविंद सिंह डोटासरा को पायलट कैंप के विधायकों से चुनौती मिलने के साथ ही गहलोत कैंप के विधायकों से भी उन्हें चुनौती मिल रही है. गोविंद सिंह डोटासरा सीकर जिले से लक्ष्मणगढ़ विधानसभा से विधायक हैं. वहीं, नीमकाथाना से विधायक सुरेश मोदी और श्रीमाधोपुर से विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत पायलट कैंप के हैं. साथ ही फतेहपुर विधायक हाकम अली, धोद विधायक परसराम मोरदिया, सीकर विधायक राजेंद्र पारीक होने को तो गहलोत कैंप में हैं, लेकिन ये डोटासरा के विरोधी माने जाते हैं.
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हालात यह हैं कि श्रीमाधोपुर विधायक दीपेंद्र सिंह, डोटासरा के सामने अजय माकन से बात करने को तैयार नहीं थे. वहीं, परसराम मोरदिया ने तो मीडिया में ही यह तक कह दिया कि जब गोविंद सिंह डोटासरा बैठे थे तो फिर ज्यादा बात कैसे हो सकती थी. खंडेला से निर्दलीय विधायक महादेव सिंह खंडेला दिखते तो डोटासरा के साथ हैं, लेकिन वर्चस्व की लड़ाई उनकी भी गोविंद डोटासरा से है.
इसी तरह सीकर के दातारामगढ़ से विधायक वीरेंद्र सिंह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे नारायण सिंह के बेटे हैं. सीकर में नारायण सिंह का खेमा सबसे अलग है. ऐसे में सीकर जिले में नेताओं को कैसे अजय माकन संतुष्ट करेंगे, यह एक बड़ी चुनौती साबित होगी.
झुंझुनू भी होगा चुनौतियों से भरा
अजय माकन के सामने झुंझुनू जिला भी एक चुनौती होगा, क्योंकि झुंझुनू के खेतड़ी से डॉ. जितेंद्र सिंह, उदयपुरवाटी से राजेंद्र गुढ़ा पूरी तरीके से अशोक गहलोत कैंप में हैं. जबकि झुंझुनू के विधायक विजेंद्र ओला पायलट कैंप के साथ दिल्ली में मौजूद थे. इसी तरीके से मंडावा से विधायक रीटा चौधरी ओला परिवार की विरोधी हैं. वह गहलोत कैंप के साथ हैं, तो नवलगढ़ विधायक राजकुमार शर्मा भी अपने हिसाब से राजनीति करते हैं.
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जयपुर शहर और ग्रामीण
जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण में पार्टी में गुट ज्यादा नहीं हैं. पहले बात करें जयपुर ग्रामीण की तो कोटपूतली विधायक राजेंद्र यादव, झोटवाड़ा से विधायक लालचंद कटारिया, जमवारामगढ़ से विधायक गोपाल मीणा गहलोत कैंप में हैं. वहीं, विराट नगर से विधायक इंद्राज गुर्जर पायलट कैंप के साथ दिल्ली में मौजूद थे.
इसी तरह जयपुर शहर की बात करें तो शहर में पहले प्रताप सिंह खाचरियावास को पायलट कैंप में माना जाता था. लेकिन अब वह भी गहलोत कैंप में शामिल हो गए हैं. ऐसे में जयपुर शहर में ज्यादा विवाद विधायकों के बीच नहीं है.