नई दिल्ली. दिल्ली में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं प्लाज्मा थेरेपी के रूप में एक उम्मीद की किरण तो दिखी है, लेकिन डोनर की समस्या इसे दुर्लभ बना रही है. समस्या को लेकर अपने-अपने क्षेत्र में देश के दो दिग्गज संस्थानों के बेस्ट ब्रेन ने इस समस्या का समाधान ढूंढ निकाला है.
एम्स के न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के एक स्टूडेंट का आइडिया और आईआईटी दिल्ली के कंप्यूटर साइंस की तीसरे साल की स्टूडेंट के तकनीकी ज्ञान ने कोपल 19 ऐप को जन्म दिया जो कोविड पेशेंट को पॉसिबल प्लाज्मा डोनर से कनेक्ट करता है.
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आईआईटी दिल्ली में कंप्यूटर साइंस की थर्ड ईयर की स्टूडेंट काशिका प्रजापत ने एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टर अभिनव के साथ मिलकर कोविड मरीजों के लिए एक ऐप बनाया है. आईआईटी दिल्ली की कंप्यूटर साइंस की थर्ड ईयर की स्टूडेंट काशिका प्रजापत ने बताया कि कोविड-19 एक महामारी का रूप ले चुका है. कुछ पेशेंट को कोविड-19 के ट्रीटमेंट के लिए प्लाजमा थेरेपी की जरूरत पड़ती है लेकिन उनके लिए सबसे बड़ी दिक्कत है प्लाज्मा डोनर तक पहुंचना.
इस प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए हमने एक ऐप बनाया है. इसका नाम कोपल 19 ऐप रखा है. यह अभी सिर्फ दिल्ली एम्स में ही उपलब्ध है. जिन पेशेंट को प्लाज्मा की जरूरत होती है वह अपनी डिटेल के साथ इस ऐप में साइन इन कर सकते हैं. उनको हम दोनों से कनेक्ट करवा देंगे. सही मायने में यह मरीज और डोनर के बीच एक ब्रिज की तरह काम करता है.
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फिलहाल यह सुविधा एम्स दिल्ली के लिए ही उपलब्ध है. जो लोग दिल्ली के एम्स में कोविड-19 का ट्रीटमेंट करवा कर स्वस्थ होकर लौट चुके हैं. उनको कॉल करके उनसे पूछ रहे हैं कि क्या वह अपना प्लाज्मा डोनेट करना चाहेंगे. आगे चलकर हम उम्मीद करते हैं कि लोग खुद ब खुद इस ऐप के जरिए अपने आप को रजिस्टर्ड करेंगे और जरूरतमंद लोगों की मदद करेंगे.
कैसे काम करता है ऐप
काशिका ने बताया कि एक बार जब हमारे पास डोनर की लिस्ट आ जाती है तब हम उसे ऐप पर डाल देते हैं. यहां पर सारे डोनर्स की पहचान वेरीफाई की जाती है. जब मरीज को इस पर लॉग इन करना होता है तब हम मरीजों से उनका नाम, पता, फोन नंबर डॉक्टर के डाक्यूमेंट्स, उनका प्रिसक्रिप्शन जिसमें उन्होंने पेशेंट को प्लाज्मा थेरेपी के लिए एडवाइस किया है. उनके आधार कार्ड यह सब कुछ मांगते हैं. ऐसा वेरिफिकेशन के लिए किया जाता है ताकि इसमें किसी तरह का फ्रॉड ना हो सके. इस तरह से यह एप पेशेंट को डोनर से कनेक्ट करता है.