जयपुर. देश में इस बार किसान टिड्डी दल के हमले से आहत है. सरकार ने टिड्डियों के नियंत्रण के लिए इंग्लैंड से जो उपकरण मंगाए थे, वो भी लॉकडाउन के कारण आने में देर हो रही है. ऐसे में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में फैल चुके टिड्डी दलों के हमले को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार हवाई सेवा कंपनियों के छोटे विमानों और हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रही है. यह जानकारी केंद्रीय कृषि कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने दी.
बता दें कि मोदी सरकार के 1 साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से रूबरू हुए कैलाश चौधरी ने कहा कि भारत टिड्डी नियंत्रण से जुड़े कामों के लिए पूरी तरह मुस्तैद है, लेकिन जिस तरह पाकिस्तान से टिड्डियों का आगमन हो रहा है. उस पाकिस्तान से ही कोई मदद नहीं मिलती. चौधरी ने बताया कि प्रत्येक सोमवार अफगानिस्तान, ईरान और पाकिस्तान सहित कुछ देशों की अधिकारियों की बैठक भी होती है, लेकिन उसमें भी पाकिस्तान टिड्डियों से जुड़ी प्रॉपर जानकारियां नहीं देता. चौधरी ने बताया कि टिड्डी नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार को हमने 14 करोड़ रुपए स्वीकृत की है और करीब 800 ट्रैक्टर की परमिशन जारी की है जिस पर स्प्रे लगाकर टिड्डियों पर नियंत्रण किया जा सकेगा.
उपकरण आने में एक महीने लेट हुई सरकार
प्रेस वार्ता में कैलाश चौधरी ने बताया कि हमने समय रहते टिड्डियों के नियंत्रण के लिए मशीनें मंगाने के निर्देश दे दिए थे, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के चलते ये करीब 1 महीना लेट हो गया है. चौधरी ने कहा कि इन उपकरणों की पहली खेप इस माह के दूसरे सप्ताह और दूसरी खेप अंतिम सप्ताह तक आने की संभावना है, जबकि बची हुए अगले माह तक देश में पहुंचेगी.
ऐसे में टिड्डी दलों पर नियंत्रण के लिए ड्रोन के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है. ये ड्रोन 10 से 100 लीटर तक रसायन का छिड़काव कर सकते हैं. चौधरी के अनुसार इसके साथ ही हवाई सेवा कंपनियों से छोटे विमान और हेलीकॉप्टर लिए जाने के बात भी चल रही है ताकि हमारे मंगाए हुए उपकरण ना भी आए तो इनके इस्तेमाल से टिड्डी दलों के सीमा में प्रवेश करते ही नियंत्रण किया जा सके.