जयपुर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने तीसरे कार्यकाल का चौथा बजट बुधवार को पेश किया ऐसे में इस बार कृषि बजट अलग से पेश किया गया और कृषि व्यवस्थाओं से जुड़े जानकारों का कहना है कि बजट में की गई घोषणाओं को धरातल पर उतारना सबसे बड़ी चुनौती रहेगी.
किसान नेता सूरज राम मील का कहना है कि निश्चित तौर पर कृषि और किसानों को लेकर गहलोत सरकार ने काफी बड़ी घोषणाएं अपने इस बजट में की है. लेकिन इन घोषणाओं को पूरा करना और इन्हें धरातल पर पूर्ण रूप से उतारने के लिए पैसा कहां से आएगा. यह सबसे बड़ी चुनौती सरकार के सामने होगी.
बजट में की गई घोषणाओं को धरातल पर उतारना सबसे बड़ी चुनौती उन्होंने बजट की तारीफ करते हुए कहा कि निश्चित तौर पर काफी शानदार बजट गहलोत सरकार की ओर से पेश किया गया और इस बार कृषि बजट को अलग से पेश किया गया जो सरकार का एक सराहनीय कदम रहा है. ऐसे में यदि 50 से 60 फीसदी घोषणाओं को भी सरकार पूरा करती है तो निश्चित तौर पर किसान और कृषि के लिए यह फायदेमंद रहेगा.
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राजस्थान एग्रीकल्चर ट्रेड एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष बने चंद जैन का कहना है कि हमें कुछ मांगे सरकार के समक्ष बजट से पूर्व रखी थी और उसमें से अधिकतर मांगों को पूरा कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जैविक खेती के लिए गहलोत सरकार ने एक बार अनुदान देने की बात कही है तो ऐसे में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा. सोलर सिस्टम के लिए सरकार ने अपने बजट में 500 करोड़ का अनुदान दिया है. हालांकि हमने सरकार से एग्रीकल्चर इंडस्ट्री से जुड़े कारोबार को लेकर अलग से भूमि देने की बात कही थी और बजट में उसे सरकार ने पूरा नहीं किया.