राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

राजस्थान में कृषि सप्लाई चेन अवसंरचना का होगा विकास, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्टस पर 9 हजार 15 करोड़ रुपए होंगे खर्च

राज्य में कृषि सप्लाई चेन अवसंरचना का विकास होगा. सथ ही पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्टस पर 9 हजार 15 करोड़ रुपए खर्च होंगे. बुधवार को मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया.

Post Harvest Management Projects,  Jaipur News
राजस्थान मुख्य सचिव निरंजन आर्य

By

Published : Dec 9, 2020, 10:21 PM IST

जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि राज्य में कृषि क्षेत्र में आधारभूत विकास के लिए कृषि अवसंरचना कोष के तहत 9 हजार 15 करोड़ रुपए के ऋण किसानों, पैक्स व लेम्पस, एसएचजी, एफपीओ, जेएलजी, स्टार्टअप, पीपीपी प्रोजेक्ट एवं कृषि उद्यमियों को न्यूनतम शून्य प्रतिशत ब्याज पर 4 वर्षों में उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस वर्ष 901.50 करोड़ रुपए के वितरण का लक्ष्य रखा गया है.

निरंजन आर्य बुधवार को शासन सचिवालय से राज्य में कृषि अवसंरचना विकास के लिए आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि, सहकारिता, नाबार्ड, एनसीडीसी, एसएलबीसी के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि योजनाबद्ध ढंग से इस वर्ष के लक्ष्य को पूरा कर पात्र लाभार्थियों को ऋण उपलब्ध करवाए.

पढ़ें-सलमान खान के खिलाफ जाति सूचक शब्द बोलने के मामले में HC ने सुनवाई अगले आदेश तक स्थगित की

मुख्य सचिव ने कहा कि अब तक राज्य में कृषि अवसंरचना की सप्लाई चेन विकसित करने के लिए 21 बैकों को अधिकृत किया गया है. ये बैंक अधिकतम 9 फीसदी ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराएंगे. समय पर ऋण चुकाने पर 3 फीसदी ब्याज अनुदान देय है. राज्य सरकार ने कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 को भी इससे जोड़ा है. इससे कृषि परियोजनाओं के लिए ऋण प्राप्त करने वालों को अधिकतम 50 फीसदी पूंजीगत अनुदान एवं अधिकतम 6 फीसदी ब्याज अनुदान भी प्रदान किया जाएगा.

इस प्रकार कृषि परियोजनाओं के लिए ऋण लेने वालों को न्यूनतम शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण का चुकारा करना होगा. आर्य ने कहा कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र में आधारभूत संरचना के विकास के लिए पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्टस जैसे सप्लाई चेन सेवाएं, वेयर हाउस, साइलो, पैक हाउस असेइंग यूनिट, ग्रेड़िग एवं सोर्टिग इकाई, कोल्ड स्टोरेज, लोजिस्टिक सुविधाएं, प्राथमिक प्रसंस्करण केन्द्र एवं फल पकाने के कक्ष आदि का निर्माण करवाया जाएगा.

इसी प्रकार सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियां जैसे जैविक आदान उत्पादन, जैव उत्प्रेरक उत्पादन इकाई, स्मार्ट एवं प्रिसिजन कृषि अवसंरचना, क्लस्टर्स हेतु सप्लाई चेन अवसंरचना आदि का विकास किया जाएगा. उन्‍होंने निर्देश दिए कि सहकारिता एवं कृषि विपणन बोर्ड योजना का व्‍यापक प्रचार प्रसार करें. मुख्य सचिव ने कहा कि इस कार्य को गति देने के लिए बैंकों द्वारा ऋण वितरण में तेजी लाई जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकृत बैकों की शीघ्र ही बैठक आयोजित की जाए.

आर्य ने निर्देश दिए कि राज्य में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग का बड़ा तबका कृषि कार्यों से जुड़ा हुआ है. ऐसे में इस वर्ग को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराकर कृषि अवसंरचना के विकास में भागीदार बनाया जाए. उन्होंने कहा कि इस वर्ष इस वर्ग को 216.36 करोड़ रुपए के ऋण वितरण का लक्ष्य है. उन्‍होंने कहा कि कृषि अवसंरचना कोष से कुल राशि का 16 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं 8 प्रतिशत जनजाति को ऋण उपलब्‍ध कराया जाए.

पढ़ें-विपक्षी नेताओं की राष्ट्रपति से मुलाकात, कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग

प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं सहकारिता कुंजी लाल मीणा ने कहा कि योजना के अंतर्गत आगामी 3 वर्षों में प्रति वर्ष 2704.50 करोड़ रुपए कृषि परियोजनाओं के विकास के लिए ऋण के रूप में उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होंने कहा कि कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति, 2019 के तहत 140.24 करोड़ की लागत के 93 प्रोजेक्टस कृषि अवसंरचना कोष के लिए पात्र हैं. इनकी पोर्टल पर अपलोड की प्रक्रिया जारी है, जिसमें वेयर हाउस, कॉटन प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज, मूंगफली प्रसंस्करण इकाई, सोर्टिग ग्रेडिंग, रिपेनिंग चेम्बर पैक हाउस के प्रोजेक्टस हैं.

मीणा ने कहा कि कृषि अवसंरचना विकास के लिए एक महीने में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसानों को छोटी-छोटी कृषि से संबंधित यूनिट लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी बनाई गई है और इसकी बैठक के बारे में जिलों से सूचना प्राप्त की जाएगी. जिला कलेक्टर को भी इसके लिए निर्देशित किया जाएगा.

रजिस्ट्रार सहकारिता मुक्तानंद अग्रवाल ने कृषि अवसंरचना कोष के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में अभी तक 175.03 करोड़ की लागत के 230 आवेदन पोर्टल पर अपलोड किए गए हैं. उन्होंने कहा कि पैक्स/लेम्पस को मल्टी सर्विस सेन्टर के रूप में विकसित करने के लिए प्रथम चरण में ग्राम सेवा सहकारी समितियों के 461 प्रोजेक्टस चिन्हित किए गए हैं, जिसकी लागत 108.40 करोड़ रुपए है. इसमें से 158 प्रोजेक्टस गोदाम वेयर हाउस, सोर्टिग ग्रेडिंग इकाईयों और 1 प्रोजेक्ट कोल्ड स्टोरेज के लिए है.

अग्रवाल ने कहा कि 175.03 करोड़ की कृषि परियोजना में 87 एग्री आन्त्रप्रेन्योर, 23 किसान, 6 एफपीओ, 1 जेएलजी, 110 पैक्स और 3 स्टार्टअप ने आवेदन किया है. उन्होंने कहा कि इसमें एग्री आन्त्रेप्रेन्योर के 97.38 करोड़, पैक्स के 39.40 करोड़, किसानों के 23.54 करोड़ के प्रोजेक्टस हैं.

उन्होंने नाबार्ड के अधिकारियों को कहा कि वे शीघ्र ही 1-1 प्रोजेक्ट की मॉडल प्रोजेक्ट रिपोर्ट भिजवाएं ताकि इस कार्य के लिए पात्र आवेदनकर्ताओं को प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो और जल्द ही प्रोजेक्ट स्वीकृति हो सके. उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि अवसंरचना कोष के विकास के लिए लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details