जयपुर.राजस्थान आवासन मंडल की उपलब्धियों का अध्ययन करने सोमवार को आगरा विकास प्राधिकरण की टीम जयपुर पहुंची. आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र पेंसिया के नेतृत्व में 10 सदस्य टीम ने आवासन मंडल की कार्यशैली, संचालित योजनाओं और प्रोजेक्ट का अध्ययन किया.
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महज 18 महीने में 10 हजार से ज्यादा अधिशेष आवासों का निस्तारण कर 2621 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित करने वाले राजस्थान आवासन मंडल की कार्यशैली को समझने और प्रोजेक्ट का अध्ययन करने के लिए आगरा विकास प्राधिकरण की टीम जयपुर पहुंची. यहां आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने राजस्थान आवासन मंडल की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी. साथ ही मंडल की ओर से संचालित योजनाओं और प्रोजेक्ट के बारे में भी अवगत कराया.
आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि अधिशेष आवासों का निस्तारण करने के लिए बुधवार नीलामी उत्सव, स्वर्ण जयंती उपहार योजना, बुधवार नीलामी उत्सव ई-बिड सबमिशन और व्यवसायिक संपत्तियों के निस्तारण के लिए अपनी दुकान अपना व्यवसाय योजना चलाई गई. मंडल की ओर से ई-ऑक्शन में 35 कार्य दिवसों में 1010 मकान बेचकर 162 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जिससे मंडल का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन में भी दर्ज हुआ.
पवन अरोड़ा ने बताया कि ई-बिड सबमिशन में 12 दिनों में 185 करोड़ की 1213 संपत्तियों का विक्रय कर दोबारा अंतरराष्ट्रीय कीर्तिमान बनाया. इसे भी वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन से मान्यता प्रदान की गई. इस दौरान आयुक्त ने मंडल की ओर से वर्तमान में चल रहे कोचिंग हब, सिटी पार्क, फाउंटेन स्क्वायर और चौपाटी प्रोजेक्ट्स की भी विस्तार से जानकारी दी.
इस दौरान आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने राजस्थान आवासन मंडल की कार्यशैली और नेतृत्व को केस स्टडी बताते हुए मंडल की तर्ज पर कार्य करने की बात कही.