जयपुर. कोरोना के चलते पूरे देश को लॉकडाउन किया गया है. ऐसे में लाखों की संख्या में श्रमिक अपने घर जाने के लिए पैदल ही रवाना हो गए हैं. जयपुर से 40 किलोमीटर दूर उदयपुरिया गांव में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर से बुधवार को 45 श्रमिकों को मध्य प्रदेश उनके घर भेजा गया. घर जाने की क्या खुशी होती है, ये इनसे बेहतर कोई नहीं जान सकता.
सरकार के आदेश के बाद 45 श्रमिकों को 2 बसों से भेजा गया घर राज्य के अलग-अलग जिलों से ये श्रमिक अपने घर के लिए रवाना हुए थे, लेकिन इन्हें गांव में बनाए गए इस शेल्टर होम रखा गया था. सरकार के आदेश के बाद बुधवार को इन श्रमिकों को दो बसों द्वारा मध्यप्रदेश के लिए रवाना किया गया. करीब 1 महीने से क्वॉरेंटाइन रहने के बाद घर के लिए रवाना होते समय श्रमिकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
भामाशाहों ने उठाई जिम्मेदारी
करीब 1 महीने तक इस शेल्टर होम में रहे इन श्रमिकों के खाने-पीने और रहने की पूरी जिम्मेदारी चौमू कस्बे के भामाशाहों ने संभाली. करीब 1 माह तक खाने पीने से जुड़ी सभी व्यवस्थाएं इनके द्वारा इस शेल्टर होम पर की गईं और जब इन सभी को घर रवाना किया गया तो इन भामाशाहों द्वारा श्रमिकों को रास्ते का खाना, मास्क, सैनिटाइजर आदि वितरित किए गए.
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इसके अलावा आस-पास के गांव के लोगों ने भी शेल्टर में ठहराए गए इन श्रमिकों के लिए अन्य व्यवस्था भी की. बहरहाल अब इन श्रमिकों को राज्य सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के बॉर्डर एरिया तक छोड़ा जाएगा. जहां से स्थानीय प्रशासन इन लोगों को उनके घरों तक पहुंचा देगा.