जयपुर. कोरोना संकट के बीच अस्पतालों की व्यवस्था को मजबूत करने के वादे करने वाली सरकार तीन साल पहले निकाली गई फार्मासिस्ट भर्ती को भी पूरा नहीं करवा सकी है. इस भर्ती को पिछले साल निरस्त कर दिया गया और इस संबंध में नए सिरे से भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू नहीं की गई है. ऐसे में प्रदेश के करीब 25 हजार युवाओं को उनका भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है.
दरअसल पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 2018 में फार्मासिस्ट के 4105 पदों पर भर्ती निकाली थी. सत्ता बदलने के बाद इस भर्ती की तारीख पांच बार स्थगित की गई. आखिरकार पिछले दिनों सरकार ने इस भर्ती को ही निरस्त कर दिया. अभी तक इस भर्ती को लेकर नए सिरे से विज्ञप्ति तक जारी नहीं की गई है. इससे युवाओं में आक्रोश है.
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बेरोजगार अभ्यर्थी का कहना है कि फार्मासिस्ट भर्ती की विज्ञप्ति तीन साल पहले भाजपा के शासनकाल में जारी की गई थी. इस भर्ती को लेकर पांच बार परीक्षा की तिथि जारी की गई, लेकिन हर बार परीक्षा स्थगित कर दी गई. इसके बाद नवंबर 2020 में फार्मासिस्ट भर्ती-2018 को निरस्त ही कर दिया गया. अब आठ महीने बीत जाने के बाद भी नए सिरे से भर्ती की विज्ञप्ति जारी नहीं की गई है. उनका कहना है कि अपनी समस्या को लेकर वे कई बार अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक मिल चुके हैं, लेकिन उन्हें कोरा आश्वासन ही मिला है.
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उनका कहना है कि सरकार के इस फैसले से करीब 25 हजार युवा प्रभावित हो रहे हैं. दोबारा भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं होने से इन इन बेरोजगारों का भविष्य अंधकार में जा रहा है. कई युवा अवसाद के चलते बीमार भी पड़ रहे हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो पा रही है. उनका यह भी कहना है कि कोरोना संकट के बीच सरकार अस्पतालों को मजबूत करने का दावा कर रही है। लेकिन भर्तियों को लेकर सरकार गंभीरता नहीं दिखा रही है। उनकी मांग है कि फार्मासिस्ट भर्ती परीक्षा लिखित परीक्षा के माध्यम से जल्द से जल्द पूरी करवाई जाए.