राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

अधिवक्ता वेलफेयर फंड में बढ़ोतरी को निरस्त करने की मांग बुलंद, बीजेपी विधि प्रकोष्ठ ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन - jaipur news

जयपुर में अधिवक्ता वेलफेयर फंड में बढ़ोतरी को निरस्त करने की मांग को लेकर बीजेपी विधि प्रकोष्ठ ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है. साथ ही बीजेपी विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सुरेंद्र सिंह नरूका ने कहा कि ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री के समक्ष इन तथ्यों को पुनः विचार करने के लिए रखे जाने के लिए राज्यपाल से प्रार्थना की गई है.

jaipur news, rajasthan news, जयपुर भाजपा विधि प्रकोष्ठ, राज्यपाल को ज्ञापन, अधिवक्ता वेलफेयर फंड
राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

By

Published : Mar 12, 2020, 11:57 PM IST

जयपुर.शहर मेंभाजपा विधि प्रकोष्ठ ने राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान अधिवक्ता कल्याण संशोधन निधि विधेयक के द्वारा आजीवन सदस्यता शुल्क में बढ़ोतरी का विरोध किया है. इस संबंध में गुरुवार को प्रकोष्ठ से जुड़े पदाधिकारियों ने संपूर्ण प्रदेश में जिला स्तर पर कलेक्टर और तहसील स्तर पर उपखंड अधिकारी को राज्यपाल के नाम ज्ञापन देकर अपना विरोध जताया है. वहीं जयपुर में बीजेपी विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सुरेंद्र सिंह नरूका के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा है.

अधिवक्ता वेलफेयर फंड में बढ़ोतरी को निरस्त करने की मांग

राजभवन में हुई इस मुलाकात के दौरान प्रकोष्ठ से जुड़े पदाधिकारियों ने अधिवक्ता वेलफेयर फंड में बढ़ोतरी को निरस्त करने की मांग की है. प्रकोष्ठ से जुड़े प्रदेश संयोजक सुरेंद्र सिंह नरूका ने बताया कि हाल ही में प्रदेश सरकार ने एक विधेयक के जरिए आजीवन सदस्यता शुल्क 17500 रुपये से बढ़ाकर 100000 रुपये और वकालतनामा पर 25 रुपये वेलफेयर टिकट को अधीनस्थ न्यायालय में 100 रुपए और उच्च न्यायालय में 200 रुपये की बढ़ोतरी कर दी. जिसको निरस्त करने की मांग भाजपा विधि प्रकोष्ठ करता है.

पढ़ेंःकोरोना को लेकर जयपुर-कुआलालंपुर फ्लाइट बंद

नरूका ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल लाने का वादा किया गया था, ताकि अधिवक्ताओं की समस्याओं का निराकरण हो, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बल्कि सदन में विधेयक लाकर अधिवक्ताओं पर आजीवन सदस्यता शुल्क में बढ़ोतरी का भार और डाल दिया गया. साथ ही कहा कि ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री के समक्ष इन तथ्यों को पुनः विचार करने के लिए रखे जाने के लिए राज्यपाल से प्रार्थना की गई है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details