जयपुर. राजधानी से राहत की खबर है कि राजस्थान में कोरोना वायरस संदिग्धों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है, लेकिन प्रशासन इसे लेकर कोई कोताही नहीं बरतना चाहता, यही वजह है कि पहले मुख्य सचिव फिर जिला प्रशासन स्तर पर बैठकें हुई. वहीं अब निगम प्रशासन भी कोरोना से लड़ने के लिए मोर्चा संभाल रहा है.
अलर्ट मोड पर निगम प्रशासन इस संबंध में निगम एडिशनल कमिश्नर अरुण गर्ग ने बताया कि निगम के कचरा संग्रहण करने वाले हूपर और सेकेंडरी व्हीकल कवर्ड हो, ताकि कचरा यहां वहां ना फैले. इसे लेकर बीवीजी कंपनी को भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इसके अलावा आईईसी एक्टिविटी के तहत निगम की होर्डिंग साइट्स चिकित्सा विभाग को उपलब्ध करा दी गई है. जब भी विभाग चाहेगा यहां जागरूकता से जुड़े बैनर लगा सकता है. इसके अलावा कलेक्टर के साथ हुई मीटिंग में निगम प्रशासन ने हूपर से जिंगल्स या मैसेज सर्कुलेट करने का भी प्रस्ताव रखा है.
वहीं एडिशनल कमिश्नर ने कहा कि हालांकि फोगिंग का कोरोना वायरस से सीधे कोई जुड़ाव नहीं है, लेकिन फिर भी हेल्थ प्रॉब्लम्स को ध्यान में रखते हुए फोगिंग को भी प्रभावी बनाएंगे. चूंकि प्रताप नगर में स्थित आरयूएचएस में कोरोना पॉजिटिव मरीज और संदिग्ध मरीजों को रखा जा रहा है. ऐसे में यहां विशेष व्यवस्था किए जाने के सवाल पर अरुण गर्ग ने कहा कि आरयूएचएस प्रताप नगर में स्थित है, इससे कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता.
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मेडिकल डिपार्टमेंट जिस व्हीकल में मरीजों को ट्रांसफर कर रहा है, उसकी प्रॉपर सैनिटेशन की जाती है, और इससे जुड़े वार्ड में भी इस तरह की व्यवस्था होती है. फिर भी चिकित्सा विभाग एहतियात के तौर पर यहां पर एक्टिविटीज करेगा. उसमें यदि निगम का कोई पार्ट होगा तो उसमें पीछे नहीं रहा जाएगा. बहरहाल, कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जो भी कार्रवाई की जा रही है. वो एहतियातन है. जरूरी है, लोग साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें. इसके अलावा तकनीकी सभी काम मेडिकल डिपार्टमेंट कर रहा है.