जयपुर. राजस्थान के भीलवाड़ा में वन कर्मी द्वारा महिलाओं से उठक बैठक करवाने का वीडियो वायरल हुआ है. जिसको लेकर डीजीपी ने स्पष्टीकरण जारी किया है. इस वीडियो को यह कहते हुए वायरल किया जा रहा है कि राजस्थान पुलिस द्वारा जंगल में लकड़ी लेने गई महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया है.
वायरल वीडियो पर डीजीपी का स्पष्टीकरण इस मामले डीजीपी भूपेन्द्र सिंह ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि ट्विटर पर महिलाओं से उठक बैठक लगवाने का वीडियो जारी होने पर तत्काल इस मामले की जांच करवाई गई. लेकिन जांच में ये वीडियो झूठा साबित हुआ. ऐसे में अब आगे ट्विटर पर झूठी जानकारी देकर कुछ ट्वीट किया गया तो सख्त कार्रवाई होगी.
बता दें कि इसी तरह ट्विटर पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बारे में कहा गया कि यह वीडियो राजस्थान पुलिस का है. जिसमें महिलाएं उठक बैठक करते दिख रही थी. ट्वीट में पुलिसकर्मी द्वारा महिलाओं को जबरन उठक-बैठक लगाने की कार्रवाई बताकर ट्विटर पर इसे वायरल किया गया था. लेकिन जांच में यह स्पष्ट हुआ कि, संबधित वीडियो भीलवाड़ा जिले के ग्राम का है. करीब 20 दिन पूर्व वन क्षेत्र में अवैध रूप से लकड़ियां काटने वाली महिलाओं से लकड़ियां जब्त कर वनपाल ने उठक-बैठक लगवाई थी और यह वीडियो बनाया गया था.
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गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर यह मद्दा छाया हुआ है. प्रदेश के विपक्षी दल भाजपा के कई नेताओं ने भी इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए पुलिस तंत्र पर सवाल उठाए हैं.