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उपभोक्ता हैल्पलाइन नंबर पर मिली शिकायतों पर कार्रवाई, चार खुदरा व्यापारियों के खिलाफ मामला दर्ज, 18 हजार रुपए की पेनल्टी - Consumer Helpline Number Complaint Action

प्रदेश में जन अनुशासन पखवाड़ा एवं वीकेंड कर्फ्यू के दौरान एमआरपी से अधिक मूल्य कालाबाजारी एवं मुनाफाखोरी के सम्बन्ध में उपभोक्ता हैल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों पर गड़बड़ी करने वाले व्यापारियों पर विभिन्न जिलों में कार्यवाही की गयी.

Consumer Helpline Number Complaint Action
उपभोक्ता हैल्पलाइन नंबर

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Published : Apr 26, 2021, 10:19 PM IST

जयपुर. जिला रसद अधिकारियों के पर्यवेक्षण में 140 शिकायतों पर खाद्य विभाग और विधिक मापविज्ञान विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम ने जांच की. उपभोक्ता मामले विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने बताया कि विधिक माप विज्ञान (डिब्बा बन्द वस्तुएं) नियम 2011 के तहत 53 निरीक्षण किये गए.

जांच के बाद 6 व्यापारियों के गड़बड़ी किये जाने पर प्रकरण दर्ज किये गए. जिनमें से 4 प्रकरणों में व्यापारियों पर 18 हजार रुपये की पेनल्टी लगाई गयी. व्यापारियों के द्वारा रोजमर्रा काम में आने वाली वस्तुओं जैसे चना दाल, सरसों तेल, साबुन आदि को निर्धारित एमआरपी से अधिक मूल्य पर बेचा जा रहा था.

शासन सचिव ने बताया कि अलवर जिले की मालाखेड़ा तहसील में ओसवाल साबुन, बीकानेर जिले की श्रीडूंगरगढ, तहसील में दाल और 'जी' खाद्य तेल की एमआरपी से अधिक राशि वसूल करने पर 7 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया. डूंगरपुर जिले में अमूल दूध पर एमआरपी से अधिक राशि वसूलने पर 5 हजार का जुर्माना लगाया गया.

उल्लेखनीय है कि डिब्बा बंद वस्तुएं उन पर अंकित एमआरपी से अधिक मूल्य पर बेचा जाना विधिक माप विज्ञान (डिब्बा बंद वस्तुएं) नियम, 2011 के नियम 18(2) के तहत बेचा जाना प्रतिबंधित है. इस संबंध में विधिक माप विज्ञान प्रकोष्ठ के विधिक माप विज्ञान अधिकारी जांच करने के लिए अधिकृत हैं. डिब्बा बंद वस्तुओं को निर्धारित एमआरपी से अधिक मूल्य पर बेचा जाना नियम, 32 के तहत 5000/- तक के जुर्माने से दण्डनीय है.

शासन सचिव ने बताया कि कालाबाजारी एमआरपी से अधिक मूल्य एवं मुनाफाखोरी से संबंधित सभी शिकायतें राज्य उपभोक्ता हैल्पलाइन टोल फ्री नम्बर 1800-180-6030 पर प्राप्त हुई हैं. उन्होंने बताया कि कोई भी उपभोक्ता आवश्यक वस्तुओं से संबंधित कालाबाजारी एवं मुनाफाखोरी होने पर राज्य उपभोक्ता हैल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करा सकता हैं.

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जांच के लिए संयुक्त जांच दल का गठन

शासन सचिव ने बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू जन अनुशासन पखवाड़ा के दौरान आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई तथा उनके मूल्य पर नियंत्रण रखने के लिए जिला कलक्टरों को खाद्य विभाग, विधिक माप विज्ञान, पुलिस विभाग और खाद्य सुरक्षा अधिकारी का संयुक्त दल गठित करने के निर्देश दिए गए हैं. विधिक माप विज्ञान अधिकारीयों को जिला रसद अधिकारी के पर्यवेक्षण में प्रतिदिन न्यूनतम 3 किराना/डिपार्टमेन्टल स्टोर आदि का निरीक्षण करने के निर्देश जारी किए गये हैं.

मूल्य सूची चस्पा के दिए निर्देश

शासन सचिव ने बताया कि उपभोक्ताओं को सही मूल्य पर खाद्य सामग्री एवं आवश्यक वस्तुएं मिल सके, इसके लिए खुदरा विक्रेता/किराना स्टोर के द्वारा जो खुली खाद्य सामग्री वितरित की जा रही है, उसकी मूल्य सूची चस्पा करवाए जाने के लिए जिला कलक्टरों को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत निर्देश जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू जन अनुशासन पखवाड़ा के दौरान आवश्यक वस्तुओं की मांग और सप्लाई बनाये रखने के लिए जिला कलक्टरों को निर्देशित किया गया है कि आटा, तेल एवं दाल मिलों और समस्त थोक विक्रेताओं को चिन्हित किया जाए और इनकी सूचियों को व्यापारियों को उपलब्ध कराया जाये.

उन्होंने बताया कि किसी भी विकट परिस्थिति से निपटने के लिए इनसिडेंट कमाडंर इस सम्बन्ध में उचित मोनिटरिंग करेंगे. जिला कलक्टर आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत आवश्यकता अनुसार इस संबंध में अपने स्तर पर आदेश जारी करने के लिए अधिकृत है.

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