जयपुर.शहर में एसीएस माइंस और पेट्रोलियम डॉ. अग्रवाल ने बुधवार को सचिवालय से वीसी के माध्यम से सभी 49 कार्यालयों के अधिकारियों से संवाद कायम किया. इस दौरान उन्होंने योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि वसूली के सभी प्रकरणों को चिह्नित किया जा चुका है. इस योजना में 80 करोड़ 60 लाख रुपये की वसूली के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं. उन्होंने बताया कि वसूली के सभी चिह्नित प्रकरणों में संबंधित से संपर्क साधकर राशि जमा कराने के लिए प्रेरित करें.
गौरतलब है कि खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने पिछले दिनों खनिज विभाग की विभागीय बकाया और ब्याज माफी की एमनेस्टी योजना की घोषणा करते हुए खनन पटृटाधारकों, ठेकाधारकों, सीमित अवधि के परमिटधारकों, रायल्टी बकायाधारकों, निर्माण ठेकेदारों को बड़ी राहत दी है. इस योजना से राज्य सरकार के वर्षों से बकाया राजस्व की वसूली हो सकेगी, वसूली प्रयासों में लगने वाले अनावश्यक समय और धन की बचत होगी और वसूली कार्य में नियोजित मानव संसाधन का प्रोडक्टिव कार्यों में उपयोग किया जा सकेगा.
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एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एमनेस्टी योजना में कुल 80 करोड़ की वसूली लक्ष्यों में सर्वाधिक 6-6 करोड़ रुपये की वसूली जयपुर सर्कल के टोंक और अजमेर सर्कल से होनी है. एमनेस्टी योजना के शुरुआती क्रियान्वयन में दौसा, अजमेर, ब्यावर, नागौर, डूंगरपुर, राजसमंद 2, आमेट और निम्बाहेड़ा में अच्छी शुरुआत है. दौसा ने लक्ष्यों के विरुद्ध 52 फीसदी राशि की वसूली की है, जो सराहनीय है. उन्होंने कहा कि एमनेस्टी योजना की शतप्रतिशत क्रियान्विति को लेकर सरकार गंभीर है, इसलिए क्रियान्विति में किसी तरह की कोताही सहन नहीं की जाएगी.
गौरतलब है कि एमनेस्टी योजना में 31 मार्च, 2019 तक डेडरेंट (स्थिरभाटक), सरचार्ज, आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों, सीमित अवधि के परमिट, निर्माण विभाग के ठेकेदारों में बकाया और विभाग के अन्य बकाया राशि के प्रकरणों को शामिल किया गया है. योजना के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित राशि योजना अवधि में जमा कराकर बकायादार लाभ प्राप्त कर सकते हैं. योजना में ब्याजमाफी के साथ ही बकाया अवधि के अनुसार अलग-अलग स्लेब में मूल राशि में भी अधिकतम 90 प्रतिशत से लेकर कम से कम 30 प्रतिशत तक की राहत दी गई है.
जिन बकायादारों द्वारा पूर्व में ही मूल राशि जमा करा दी गई है और केवल ब्याज राशि बकाया है. उन प्रकरणों में समस्त ब्याज राशि माफ करने के लिए संबंधित खनिज अभियंता और सहायक खनि अभियंता अधिकृत हैं. 31 मार्च 80 तक के बकाया की मामलों में 10 प्रतिशत राशि जमा कराने, एक अप्रेल 80 से मार्च 90 तक की बकाया के मामलों में 20 प्रतिशत, एक अप्रेल 90 से 31 मार्च 2000 तक की बकाया के मामलों में 30 प्रतिशत राशि जमा करवाने पर शेष मूल राशि माफ करने का प्रावधान है. इसी तरह से एक अप्रेल 2000 से 31 मार्च 2010 तक के मामलों में 50 प्रतिशत और एक अप्रेल 2010 से 31 मार्च 2019 तक के मामलों में 70 प्रतिशत राशि जमा कराने पर शेष बकाया मूल राशि और ब्याज माफ होगा.
आरसीसी और ईआरसीसी ठेकों की बकाया राशि के 31 मार्च 2011 तक के बकाया मामलों में खण्डित ठेकों में 50 प्रतिशत और पूर्ण ठेका अवधि तक प्रभावशील ठेकों में 60 प्रतिशत जमा करानी होगी. एक अप्रेल 2011 से 31 मार्च 2019 तक के बकाया मामलों में खण्डित ठेकों में 70 प्रतिशत और पूर्ण ठेका अवधि तक प्रभावशील ठेकों में 80 प्रतिशत मूल राशि जमा करानी होगी. एमनेस्टी योजना लागू होने से पूर्व जमा कराई गई राशि का समायोजन नहीं होगा.
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सीमित अवधि के परमिटधारकों और निर्माण विभाग के ठेकेदारों द्वारा 31 मार्च 19 तक पेनल्टी राशि के मांग के प्रकरणों में वास्तविक देय रॉयल्टी की तीन गुणा राशि अर्थात दो गुणा अतिरिक्त राशि जमा कराने पर शेष मूल राशि और पूरी ब्याज की राशि माफ की जाएगी. भारत सरकार द्वारा 10 फरवरी 2015 की अधिसूचना से 31 प्रधान खनिजों को अप्रधान खनिज घोषित किया गया है, इनके 10 फरवरी 15 से पहले के प्रकरणों में यह योजना लागू नहीं होगी.