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जलदाय विभाग के ACS के निर्देश : जल जीवन मिशन के कार्यों में गति और गुणवत्ता पर करें फोकस - Water Department ACS Sudhansh Pant Instructions

जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने बुधवार को शासन सचिवालय में जल जीवन मिशन की प्रगति की राज्य स्तरीय क्रियान्वयन टीम के अधिकारियों के साथ समीक्षा की.

जलदाय विभाग के ACS के निर्देश

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Published : Jun 9, 2021, 9:22 PM IST

जयपुर. जल जीवन मिशन की बैठक में जलदाय विभाग के एसीएस सुधांश पंत ने अधिकारियों को जल जीवन मिशन के कार्यों में गति के साथ गुणवत्ता पर भी पूरा ध्यान देने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि गुणवत्ता और पारदर्शिता के लिए सभी स्तरों से सतत मॉनिटरिंग और 'थर्ड पार्टी इंस्पैक्शन' सहित सभी तरीके अपनाए जाएं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में जनता को लम्बी अवधि तक बिना किसी बाधा के पेयजल आपूर्ति मिल सके.

उन्होंने कहा कि किसी तकनीकी खामी की वजह से स्वीकृतियों में विलम्ब नहीं हो. एसीएस ने कहा कि प्रदेश के गांवों में 'हर घर नल कनेक्शन' और सभी घरों में नल कनेक्शन वाले गांवों की संख्या में लक्ष्य के अनुरूप बढ़ोतरी राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसको प्राप्त करने के लिए अधिकारी अपने स्तर पर उचित रणनीति के साथ मॉनिटरिंग करें. राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की बैठकों में जारी स्वीकृतियों की तुलना में तकनीकी स्वीकृतियां और निविदाओं के बकाया कार्य को पूरा कर सभी कार्यादेश जल्द जारी करे, जिससे 'हर घर नल कनेक्शन' के कार्यों में गति आए.

बैठक में बताया गया कि एसएलएसएससी की बैठकों में पूर्व में 9101 गांवों के लिए मंजूर पेयजल योजनाओं की तुलना में अब तक 7096 गांवों की तकनीकी स्वीकृतियां तथा 5184 गांवों की निविदाएं जारी की गई है. जयपुर, चुरू, बूंदी, बारां, दौसा, झुंझुनू, बांसवाड़ा, टोंक, धौलपुर, सीकर, अलवर, भीलवाड़ा एवं भरतपुर में लगभग सभी तथा उदयपुर में 95 , राजसमंद में 92 प्रतिशत तकनीकी स्वीकृतियां जारी कर दी गई है.

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कम प्रगति वाले जिलों में जैसलमेर में 72 प्रतिशत, जालौर में 68 प्रतिशत, अजमेर में 65 प्रतिशत और श्रीगंगानगर, पाली एवं करौली में 43-44 प्रतिशत तकनीकी स्वीकृतियों का कार्य शेष है. मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत स्वीकृत परियोजनाओं में अब तक 2666 गांवों की तकनीकी स्वीकृतियां और 1500 गांवों की निविदाएं जारी की गई है.

पंत ने बैठक में कहा कि जिन परियोजनाओं के लिए स्थाई स्रोत उपलब्ध नहीं है, वहां जेजेएम की गाइडलाइन के अनुसार वैकल्पिक व्यवस्था के सम्बंध में आवश्यक कार्यवाही करें. पेयजल परियोजनाओं के लिए 'वाटर रिजर्वेशन' के बारे में पिछले दिनों जल संसाधन विभाग के साथ हुई बैठक में दिए गए निर्देशों के तहत प्रोजेक्ट विंग के अधिकारियों से फीडबैक लिया.

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