जयपुर. मंगलवार को उदयपुर में नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट के खिलाफ एक व्यक्ति की नृशंस हत्या के मामले में राजनीति का दौर तेज हो चुका है. इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार सवालों से घिरते जा रहे हैं. एक तरफ विपक्ष ने सीएम गहलोत के राज पर अंगुलियां उठाई है, तो दूसरी तरफ सचिन पायलट समर्थक और प्रियंका गांधी के करीबी आचार्य प्रमोद ने अशोक गहलोत को ट्विटर के जरिए नसीहत दी है(Acharya Pramod Targets Gehlot). घटना के बाद देर शाम आचार्य प्रमोद tweet करते हुए कहा कि अशोक गहलोत जी अब राजधर्म निभाने का समय आ गया है. गौरतलब है कि गुजरात दंगों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तब मुख्यमंत्री रहते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी राजधर्म निभाने की सीख दी (Atal Rajdharm remark) थी.
सरकार के इकबाल पर सवाल: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर हत्याकांड के बाद ट्विटर पर घटना की भर्त्सना की थी. इसको ही टैग कर उन्होंने राजस्थान में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने इस मामले में डीजीपी पर भी कार्रवाई की मांग की है. दरअसल, आचार्य का ट्वीट कानून व्यवस्था के बहाने सीधे सीधे सीएम को कटघरे में खड़ा करता है क्योंकि राजस्थान में कानून व्यवस्था का जिम्मा बतौर गृहमंत्री खुद सीएम अशोक गहलोत के कंधों पर ही है.
पायलट समर्थक आचार्य प्रमोद: आचार्य प्रमोद सोशल मीडिया पर लगातार अपने विचारों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. उन्हें कांग्रेस विचारक के रूप में जाना जाता है, पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी के साथ उत्तर प्रदेश में उन्हें अकसर राजनीतिक दौरों में देखा जाता है. बताया जाता है कि राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की तनातनी के बाद पायलट गुट से आलाकमान के अलगाववाद के बीच प्रियंका गांधी के जरिए सुलह का रास्ता आचार्य प्रमोद ने ही तैयार किया था. वो राजस्थान की राजनीतिक उठापटक को लेकर अकसर सोशल मीडिया पर कमेंट्स करते रहते हैं.