जयपुर: विभिन्न मांगों को लेकर 49 दिन से राजस्थान के बेरोजगारों ने जयपुर के शहीद स्मारक पर जमे हैं. प्रदेश सरकार से कई बार अपील करने पर जब बात नहीं बनी तो एक दल उत्तर प्रदेश भी पहुंच गया. वहां उपेन यादव की अगुआई में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर पिछले 5 दिनों से बेरोजगारों ने डेरा डाल रखा है. इसे विपक्ष मुद्दा बनाने लगा है.
चूंकि उत्तर प्रदेश में चुनाव होने हैं सो ये कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है. ठंड के इस मौसम में इस मुद्दे ने सियासी पारा गरमा दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी जानते हैं. शायद इसलिए उन्होंने 2 दिन पहले एक बयान दिया. जिसमें कहा कि धरना प्रदर्शन करने वाले और नौकरी करने की चाहत रखने वालों का नेतृत्व कर रहे नेता नौकरी के लिए नहीं बल्कि अपनी नेतागिरी के लिए यह काम कर रहे हैं.
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गहलोत भले ही इस विरोध को सियासतदांओं की कारीगरी करार दे रहे हों लेकिन पार्टी भी जानती है कि उत्तर प्रदेश में इस तरह से राजस्थान के बेरोजगारों का डट जाना उसके लिए घातक हो सकता है. यही कारण है कि प्रियंका गांधी के करीबी आचार्य प्रमोद कृष्णन ने ट्वीट किया है.
आचार्य प्रमोद ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आंदोलनकारी बेरोजगारों से बात करने के लिए कहा है. आचार्य प्रमोद ने अपने ट्वीट में लिखा है- उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर धरना दे रहे बेरोजगारों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को तत्काल वार्ता करनी चाहिए और इस मसले का समाधान भी निकालना चाहिए.
इस नसीहत के साथ उन्होंने एक लाइन लिखी है जो तल्खी को बयान करती है. इसमें उन्होंने लिखा है- "अपनी मुसीबत को प्रियंका गांधी के गले में डाल देना उचित नहीं है".