जयपुर.प्रदेश में सियासी उठापटक के बीच तकरार केवल कांग्रेस के भीतर या कांग्रेस और भाजपा में ही नहीं, बल्कि भाजपा के सहयोगी आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच भी है. पिछले दिनों बेनीवाल की ओर से वसुंधरा राजे पर ट्विटर के जरिए लगाए गए गंभीर आरोप पर भले ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सफाई दे दी हो, लेकिन अब भी बेनीवाल के ट्वीट पर लगाया गया आरोप जस के तस हैं.
दरअसल, हनुमान बेनीवाल ने 16 जुलाई को ट्विटर के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में गठजोड़ को लेकर आरोप लगाया था. आरोप लगाने के बाद पहले तो भाजपा नेता चुप रहे, लेकिन बाद में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मीडिया में बताया कि उन्होंने इस बारे में बेनीवाल से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि यह ट्वीट उनके स्टाफ ने डाल दिया. जबकि उन्होंने इस संबंध में कोई मीडिया में बयान नहीं दी.
वहीं, पूनिया ने भी कहा कि इस बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर मैंने और नेता प्रतिपक्ष ने बेनीवाल से बात की है. उन्होने कहा कि बेनीवाल ने भविष्य में इस तरह की टिप्पणी या नहीं करने की भी बात कही है. अब सवाल यही है कि यदि बेनीवाल ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के समक्ष जो सफाई दी थी वह यदि सही थी और पूनिया को इस प्रकार की टिप्पणी या भविष्य में नहीं करने को लेकर जो बात कही थी उसमें सच्चाई थी तो फिर 16 जुलाई को ट्विटर पर डाले गए पोस्ट अब तक क्यों नहीं हटाया गया. अब सियासी गलियारों में भी यही चर्चा का विषय है.